वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.भारत उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की घोषणा कब हुई?
(क) 1986(ख) 1980 (ग) 1987(घ) 1988
उत्तर-(क)
2. उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
( क ) 17 मार्च ( ख ) 15 मार्च (ग) 19 अप्रैल (घ) 22 अप्रैल
उत्तर-(ख)
3. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नं . क्या है?
(क) 100 (ख) 1000-100 (ग) 1800-11-4000 ( घ) 2000-114000
उत्तर- (ग)
4. स्वर्णाभूषणों की परिशुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए किस मान्यता प्राप्त चिह्न का होना आवश्यक है ?
(क) ISI मार्क( ख) हॉल मार्क – (ग) एगमार्क( घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ख)
5. यदि किसी वस्तु या सेवा का मूल्य 20 लाख से अधिक तथा 1 करोड़ से कम है तो उपभोक्ता शिकायत कहाँ करेगा?
(क) जिला फोरम ( ख ) राज्य आयोग (ग) राष्ट्रीय आयोग (घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(ख)
6. उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने के लिए आवेदन शुल्क कितना लगता है ?
(क) 50/(ख)70/(ग) 10/(घ) इनमें शुल्क नहीं
उत्तर-(घ)
सही कधन में सही का (/) तथा गलत में (x) का निशान लगाएँ।
1.उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 को संक्षिप्त रूप में कोसरा कहते हैं। (√)
2. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन टेलीफोन नं. 15000 है । (x)
3. भारत में सूचना पाने का अधिकार 2005 कानून बनाया गया है। (√)
4. उपभोक्ता को खराब वस्तु या सेवा मिलने पर उपभोक्ता से मुआवजा पाने का अधिकार है, जो क्षति की मात्रा पर निर्भर करता है । (√)
5. ” हॉलमार्क ” आभूषणों की गुणवत्ता को प्रमाणित करनेवाला चिह्न है। (√)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.आप किसी खाद्य पदार्थ संबंधी वस्तुओं को खरीदते समय कौन – कौन-सी बातों का ध्यान रखेंगे? बिन्दुवार उल्लेख करें।
उत्तर – किसी खाद्य पदार्थ को खरीदते समय निम्नलिखित वस्तुओं को ध्यान में रखेंगे
- उस खाद्य पदार्थ के अवयवों की सूची।
- वजन का परिमाण ।
- निर्माता का नाम या पता।
- निर्माण की तिथि।
- इस्तेमाल की समाप्ति की तिथि।
- निरामिष / आमिष चिह्न ।
- डाले गए रंग या खुशबू की घोषणा।
- पोषाहार का दावा / पौष्टिक तत्वों की मात्रा।
- स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक चेतावनी।
- वैधानिक चेतावनी।
2.उपभोक्ता जागरण हेतु विभिन्न नारों को लिखें।
उत्तर-उपभोक्ता जागरण हेतु विभिन्न नारे
- सतर्क उपभोक्ता ही सुरक्षित उपभोक्ता है।
- ग्राहक,सावधान।
- अपने अधिकारों को।
- जागो ग्राहक जागो।
- उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों की रक्षा करो।
3.कुछ ऐसे कारकों की चर्चा करें जिनसे उपभोक्ताओं का शोषण होता है।
उत्तर – उपभोक्ता – शोषण की कुछ प्रमुख वजहें
- मिलावट की समस्या ।
- कम तील अर्थात् माप में हेरा – फेरी की समस्या ।
- धोखे से अच्छी वस्तु के स्थान पर कम गुणवत्ता वाली वस्तु देना।
- ऊँची कीमत वसुलना।
- सही कम्पनी की डुप्लीकेट वस्तुएँ प्रदान करना।
4.उपभोक्ता के रूप में बाजार में उनके कुछ कर्तव्यों का वर्णन करें।
उत्तर – उपभोक्ता के रूप में कुछ कर्तव्य –
- शिक्षण संस्थान की राज्य सरकार UGC.से मान्यता प्राप्ति की जानकारी ले लेना।
- क्रेडिट कार्ड मिलते ही निर्धारित जगह पर हस्ताक्षर कर दें।
- दवा लाइसेंस प्राप्त दवा विक्रेता से ही खरीदें।
- सुनिश्चित करें कि सही मात्रा में पेट्रोल मिल रहा है या नहीं।
- L.P.G गैस सिलेंडर की अंतिम तिथि तथा वजन जॉच लें।
- ISI तथा एगमार्क, हॉलमार्क उत्पाद वस्तु पर देखें व सही परख करें।
5.उपभोक्ता कौन है ? संक्षेप में बताएँ।
उत्तर- ” उपभोक्ता ” बाजार व्यवस्था का केन्द्र होता है। कोई भी व्यक्ति खरीदार की अनुमति से अपने प्रयोग के लिए वस्तुएँ या सेवाएँ खरीदता या प्रयोग करता है, उपभोक्ता कहलाता है । महात्मा गाँधी के शब्दों में ग्राहक हमारी दुकान में आनेवाला सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है । वह हम पर निर्भर नहीं, हम उन पर निर्भर हैं। यदि उपभोक्ता ना हो तो उत्पादित वस्तुओं की मांग करनेवाला कोई नहीं होगा । अतः उत्पादन की समस्त क्रिया उपभोक्ता पर ही निर्भर करती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
1.उपभोक्ता के कौन-कौन से अधिकार हैं? प्रत्येक को सोदाहरण लिखें।
उत्तर – उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत उपभोक्ता को निम्नलिखित अधिकार प्रदान किए गए हैं
- सुरक्षा का अधिकार ( Right of protection) उपभोक्ता को ऐसे वस्तुओं एवं सेवाओं से सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है जिससे उसके शरीर या संपत्ति को हानि पहुँचने की संभावना है । जैसे डॉक्टर की लापरवाही से मरीज को खतरा होने की संभावना।
- सूचना का अधिकार ( Right to information ) – अधिकार उपभोक्ता को वे सभी अधिकार प्राप्त करने का अधिकार है जिसके आधार पर वह वस्तुओं या सेवाओं का निर्णय लेता है । जैसे – पैकेट बंद सामान खरीदने पर उसका मूल्य, इस्तेमाल करने की अवधि, गुणवत्ता आदि।
- चुनाव या पसंद करने का अधिकार (Right to choose ) निर्मित उपभोक्ता विभिन्न निर्माताओं द्वारा विभिन्न ब्रांडों, किस्म , गुण, रूप, रंग, आकार तथा मूल्य की वस्तुओं में से किसी को भी चुनने की आजादी है
- शिकायत निवारण या क्षतिपूर्ति का अधिकार (Right to seekreadassel ) यदि क्रय की गई वस्तु या सेवा उचित ढंग की नहीं निकली तो उपभोक्ता को मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है।
- सुनवाई का अधिकार (Right to be heard) उपभोक्ता को अपने हितों को प्रभावित करने वाली बातों को सुनवाई के लिए मंच पर प्रस्तुत करने का अधिकार है।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right of consumer education)-मूल्य,उसकी उपयोगिता कोटि तथा सेवा की जानकारी, अधिकारों से ज्ञान की प्राप्ति इत्यादि जानने का अधिकार है। इसके माध्यम से शिक्षित उपभोक्ता घोखाधड़ी, दगाबाजी से बचने के लिए स्वयं संबल,संरक्षित एवं शिक्षित हो सकते हैं एवं उचित न्याय के लिए खड़े हो सकते हैं।
2. ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की मुख्य विशेषताओं को लिखें।
उत्तर – ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 “एक महत्वपूर्ण अधिनियम है , जिसमें उपभोक्ताओं को बाजार में बेची जानेवाली वस्तुओं के संबंध में संरक्षण का अधिकार दिया गया है । उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में सभी वस्तुओं , सेवाओं तथा व्यक्तियों, चाहे वह निजी या सार्वजनिक क्षेत्र के, को शामिल किया जाता है । इसके तहत उपभोक्ताओं को यह जानने का अधिकार प्राप्त है कि वह वस्तु या सेवा की गुणवत्ता, परिणाम, क्षमता, शुद्धता,मानक और मूल्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है । उसे यह अधिकार भी है कि उसे जो वस्तु या सेवा मिल रही है वह खतरनाक तो नहीं है, ताकि वह अपना बचाव कर सके। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत निम्नलिखित अधिकार दिए गए हैं
- सुरक्षा का अधिकार ।
- सूचना का अधिकार
- चुनाव या पसंद करने का अधिकार ।
- सुनवाई का अधिकार ।
- शिकायत निवारण या क्षतिपूर्ति का अधिकार ।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार ।
” उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 ” के तहत उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए तीन स्तरों पर व्यवस्था की गई है
- राष्ट्रीय स्तर पर ” राष्ट्रीय आयोग”।
- राज्य स्तर पर ” राज्य स्तरीय आयोग”।
- जिला स्तर पर” जिला फोरम”।
उपभोक्ता को शिकायत होने पर पहले , शिकायत” जिला – फोरम” में की जाती है । इसके बाद उपभोक्ता संतुष्ट न हों तो फिर मामले को ” राज्य फोरम”फिर “राष्ट्रीय फोरम में ले जाया जा सकता है । फिर भी उपभोक्ता संतुष्ट न हों तो वह आदेश के 30 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय” (Supreme Court) में अपील कर सकता है।
3.उपभोक्ता संरक्षण हेतु सरकार द्वारा गठित न्यायिक प्रणाली त्रिस्तरीय प्रणाली को समझाएँ।
उत्तर- ” उपभोक्ता संरक्षण हेतु सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 ” के तहत उपभोक्ता की शिकायतों को दूर करने के लिए व्यवस्था की गई है जिसे तीन स्तरों पर स्थापित किया गया है।
(i). राष्ट्रीय स्तर पर ” राष्ट्रीय आयोग”।
(ii). राज्य स्तर पर ” राज्य स्तरीय आयोग ।
(iii). जिला स्तर पर जिला मंच (फोरम) |
यह न्यायिक प्रणाली उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक एवं व्यवहारिक है । इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को जल्दी एवं सस्ता न्याय प्राप्त होता है । जिस तरह अदालतों में मुकदमें दायर होते हैं, उसी तरह उसकी सुनवाई भी होती है । यदि किसी वस्तु या सेवा का मूल्य 20 लाख से कम है तो वह ” जिला फोरम ” में शिकायत कर सकता है । पुनः अगर वस्तु या सेवा का मूल्य 20 लाख से ऊपर तथा 1 करोड़ के नीचे हो तो शिकायत राज्य आयोग के पास की जा सकती है । लेकिन अगर वस्तु या सेवा का मूल्य अर्थात् क्षतिपूर्ति की राशि 1 करोड़ से अधिक होने पर उपभोक्ता राष्ट्रीय आयोग में इसकी शिकायत कर सकता है।
4.दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता की जरूरतों का वर्णन करें।
उत्तर- वर्तमान समय में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहाँ उपभोक्ताओं का शोषण नहीं होता । सभी क्षेत्रों में त्रुटि , लापरवाही, काला – बाजारी उपभोक्ताओं के लिए घातक है। उदाहरण के तौर पर
(i) गैस एजेंसियों द्वारा उपभोक्ताओं के घरों तक सिलेंडर समय पर नहीं पहुँचाया जाता जिससे उपभोक्तागण मजबूरी में कालाबाजारी का शिकार होते हैं तथा उनका शोषण होता है। उन्हें मजबूरीवश अधिक कीमतों पर गैस सिलेंडर खरीदना पड़ता है।
(ii) आज हर गली में शिक्षण संस्थान बहुतायत रूप में खुल रहे हैं जिन्हें राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं होती। इनमें योग्य शिक्षक, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, फर्नीचर, खेल का मैदान तथा मानक – पाठ्यक्रम का अभाव होता है तथा ये भ्रामक प्रचार-प्रसार द्वारा छात्रों को झूठा वादा कर गलत ढंग से फीस वसुलते हैं।
5.“ मानवाधिकार आयोग के महत्व को लिखें।
उत्तर- ” मानवाधिकार आयोग ” आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण रहा है । हमारे देश में राष्ट्रीय स्तर पर एक उच्चतम संस्था है , जो मानवाधिकारों की रक्षा और उनके अधिकार से संबंधित हितों के लिए सुरक्षा प्रदान करती है। इस संस्था को राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था कहते हैं। इसके अध्यक्ष भारत के उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त प्रधान न्यायाधीश होते हैं । इसी प्रकार देश के प्रत्येक राज्य में एक ” राज्य मानवाधिकार आयोग ” का गठन किया जाता है जो देश के नागरिकों के अधिकार और सुरक्षा संबंधी बातों को देखती हैं। इसी आधार पर महिलाओं के ऊपर हुए अत्याचार एवं शोषण संबंधी शिकायत के निराकरण के लिए देश के स्तर पर ” राष्ट्रीय महिला आयोग ” तथा ” राज्य महिला आयोग” का गठन किया।
6.” सूचना आयोग” क्या है ? वर्णन करें।
उत्तर – अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए उन्हें उपभोग की वस्तुओं और सेवाओं के उत्पाद संबंधी सूचना उपलब्ध हो । इस समस्या के निराकरण के लिए सरकार द्वारा देश के स्तर पर ” राष्ट्रीय सूचना आयोग ” और राज्य स्तर पर ” राज्य सूचना आयोग ” का गठन किया गया है। यदि किसी उपभोक्ता को वस्तु या सेवा से संबंधित किसी सूचना की आवश्यकता हो तो वह उसकी सूचना के लिए आवेदन कर सकता है।