(वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर)
(1) जाड़े में तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा का क्या कारण है?
(क) दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (ख) उत्तर-पूर्वी मॉनसून (ग) शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात (घ) स्थानीय वायु परिसंचरण
उत्तर-(क)
(ii) दक्षिण भारत के संदर्भ में कौन-सा तथ्य गलत है?
(क) दैनिक तापांतर कम होता है (ख) वार्षिक तापांतर कम होता है (ग) तापांतर वर्षा भर अधिक रहता है (घ) विषम जलवायु पायी जाती है
उत्तर-(घ)
(iii) जब सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है, तो उसका क्या प्रभाव होता है?
(क) उत्तरी-पश्चिमी भारत में उच्च वायुदाब रहता है
(ख) उत्तरी-पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है
(ग) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान एवं वायुदाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है
(घ) उत्तरी-पश्चिमी भारत से मानसून लौटने लगता है
उत्तर-(क)
(iv) विश्व में सर्वाधिक वर्षा किस स्थान पर होती है?
(क) सिलचर (ख) चेरापूंजी (ग) मौसिमराम (घ) गुवाहाटी
उत्तर-(ग)
(v) मई महीने में पश्चिम बंगाल में चलनेवाली धूल भरी आँधी को क्या कहते हैं?
(क) लू (ख) व्यापारिक पवन (ग) काल वैशाखी (घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(क)
(vi) भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगमन कब से होता है?
(क) 1 मई से (ख) 1 जून से (ग) 1 जुलाई से (घ) 1 अगस्त से
उत्तर-(ख)
(vii) जाड़े में सबसे ज्यादा ठंडा रहता है
(क) गुलमर्ग (ख) पहलगाँव (ग) जम्मू
उत्तर-(ग)
(viii) उत्तर-पश्चिमी भारत में शीतकालीन वर्षा का क्या कारण है?
(क) उत्तर-पूर्वी मौनसून (ख) दक्षिण-पश्चिम मौनसून (ग) पश्चिमी विक्षोभ (घ) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात
उत्तर-(ग)
(ix) ग्रीष्म ऋतु का कौन-सा स्थानीय तूफान है जो कहवा की खेती के लिए उपयोगी है ?
(क) आम्र वर्षा (ख) फूलों वाली बौछार (ग) काल बैसाखी (घ) लू
उत्तर-(ग)
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जनवरी में चेन्नई का तापमान कोलकाता से………..रहता है। (कम/अधिक)
(ख) उत्तर भारत में वर्षा पूरब की अपेक्षा पश्चिम की ओर…………होती है। (अधिक/कम)
(ग) मानसून शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम………के नाविकों ने किया था। (अरब/भारत)
(घ) पश्चिमी घाट पहाड़ के पश्चिम भाग में …………वर्षा होती है। (कम/अधिक)
(ङ) पर्वत का……..भाग वृष्टि छाया का प्रदेश होता है। (पवन विमुख/पवन अभिमुख)
उत्तर-(क) अधिक, (ख) अधिक, (ग) अरब, (घ) अधिक, (ङ) पवन विमुख।
कारण बताएँ
प्रश्न (क) पश्चिमी राजस्थान एक मरुस्थल है।
उत्तर-भारत में ग्रीष्मकालीन वर्षा दक्षिण-पश्चिम मौनसून हवा से होती है। ज्यों-ज्यों यह पश्चिम की ओर बढ़ती है वर्षा होने के कारण नमी की मात्रा घटती जाती है। अतः राजस्थान के पश्चिमी भाग में 25 से० मी० से भी कम वर्षा होती है। इसलिए पश्चिमी राजस्थान एक मरुस्थल है।
प्रश्न (ख) भारत में तमिलनाडु में जाड़े में वर्षा होती है।
उत्तर-लौटती मानसून तथा उत्तरी पूर्वी मानसून से भारत के पूर्वी तटीय भाग तथा तमिलनाडु में जाड़े में वर्षा होती है।
प्रश्न (ग) भारतीय कृषि मानसून के साथ जुआ है।
उत्तर-भारतीय कृषक खेती के लिए मानसून पर निर्भर करते हैं। अच्छी वर्षा की उम्मीद में किसान बीज बो देते हैं लेकिन अच्छी फसल मानसून के आगमन पर निर्भर करती है। अतः भारतीय कृषि मानसून के साथ जुआ है।
प्रश्न (घ) मौसिनराम में विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है।
उत्तर-दक्षिण-पश्चिम मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा अंडमान-निकोबार द्वीपों से आगे बढ़ने पर पश्चिम की ओर मुड़ जाती है। इसी से पूर्वोत्तर भारत में मौसिनराम में विश्व की सर्वाधिक वर्षा (1187 से. मी होती है।
प्रश्न (ङ) ऊटी में सालोंभर तापमान काफी नीचे रहता है।
उत्तर-ऊटी पर्वतीय क्षेत्र है जहाँ हिमालय मध्य एशिया से आनेवाली हवाओं को रोककर तापमान गिरा देता है तथा मानसूनी हवाओं को रोककर अच्छी वर्षा भी कराता है। अत: ऊटी में सालोंभर तापमान काफी नीचे रहता है |
(लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर)
प्रश्न 1. जाड़े के दिनों में भारत में कहाँ-कहाँ वर्षा होती है?
उत्तर-जाड़े के दिनों में पूर्वी तटीय भाग, केरल तथा तमिलनाडु में वर्षा होती है।
प्रश्न 2. फेरेल का नियम क्या है?
उत्तर-फेरेल के नियम के अनुसार यदि निम्नदाब का क्षेत्र बनता तो हवाएँ अपनी नियत दिशा के विपरीत दिशा में आकर्षित हो जातीं।
प्रश्न 3. जेट स्ट्रीम क्या है?
उत्तर-ऊपरी वायु परिसंचरण भारत में पश्चिमी प्रवाह से प्रभावित रहता है। इन्हीं धाराओं को जेट स्ट्रीम कहते हैं
प्रश्न 4. भारतीय मौनसून की तीन विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-
(i) दक्षिण-पश्चिम मौनसून की वर्षा मौसमी है जो जून से सितम्बर तक होती है
(ii) मौनसूनी वर्षा भू-आकृति द्वारा नियंत्रित होती है।
(iii) भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में मौनसून का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
प्रश्न 5. लू से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-ग्रीष्म ऋतु में भारत में चलने वाली पछुआ हवा अत्यंत गर्म एवं शुष्क होती है जिसे लू कहते हैं।
प्रश्न 6. मानसून का विस्फोट क्या है?
उत्तर-वर्षा ऋतु में आधे जून से मौसम में अचानक बदलाव आने लगता है। तेजी से हवा दक्षिण-पश्चिम से आने लगती है। आकाश में बादल छा जाते हैं तथा गर्जन के साथ वर्षा होने लगती है। इसे ही मौनसून का विस्फोट कहते हैं।
प्रश्न 7. भारत के अत्यधिक गर्म एवं अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों के नाम बताएँ।
उत्तर-भारत के अत्यधिक गर्म क्षेत्र-राजस्थान। भारत के अत्यधिक ठंडे क्षेत्र-कश्मीर।
(दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर)
प्रश्न 1. भारत में मौनसूनी जलवायु की क्षेत्रीय विविधता को सोदाहरण समझाइए।
उत्तर-भारत में सामान्य बोलचाल में मौनसून से तात्पर्य वर्षा से है। अच्छी मौनसून का अर्थ होता है-अच्छी वर्षा। भारत में इन मौनसूनी हवाओं की दिशा 6 माह दक्षिण-पश्चिम और 6 माह उत्तर-पूर्व रहती है। इसी कारण इन्हें दक्षिण-पश्चिम मौनसून तथा उत्तर-पूर्व मौनसून कहते हैं। गर्मी के महीने में जब सूर्य कर्क रेखा के आस-पास लम्बवत चमकता है तब भारत का उत्तर-पश्चिमी भाग अत्यधिक गर्म हो जाता है। अत: वहाँ एक पृष्ठ तथा गहन न्यून वायुदाब का क्षेत्र विकसित हो जाता है किन्तु मकर रेखा के पास सूर्य की किरणें तिरछी होती हैं तथा ताप कम होता है। इससे वहाँ उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है। यहाँ की वायु भारत में विकसित निम्न दाब के क्षेत्र की ओर आकर्षित होकर जब विषुवत रेखा को पार करती है तब फेरेल के नियम के अनुसार अपनी दाहिनी ओर मुड़कर उत्तर-पूर्व दिशा में चलती हुई केरल के तट पर पहुंचती है। हजारों कि. मी. समुद्री मार्ग से आने के कारण ये अपने साथ प्रचुर मात्रा में जलवाष्प लाती हैं। इन्हें दक्षिण-पश्चिम मौनसून कहते हैं। मौनसूनी हवाओं के मार्ग में यदि कोई अवरोध बनता है तो वहाँ पर ये हवाएँ ऊपर उठकर भारी वर्षा करती हैं। इसी कारण सहयाद्रि के पश्चिम ढाल तथा हिमालय के दक्षिणी ढाल पर प्रचुर वर्षा होती है। नवम्बर-दिसम्बर में सूर्य मकर रेखा क्षेत्र पर लम्बवत् पड़ने लगता है। अत: वहाँ निम्नदाब का क्षेत्र बनता है। उसी समय भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ती है जिससे उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। दक्षिण-पश्चिम मौनसन जिन क्षेत्रों को खाली करती है वहाँ उत्तर-पूर्वी मौनसून अपना प्रभाव जमा लेती है। इसीलिए उत्तर-पूर्वी मौनसून का काल मध्य नवम्बर से मध्य मार्च तक प्रभावी रहता है। इसे ही मौनसून की क्षेत्रीय विविधता कहते हैं।
प्रश्न 2. भारत में कितनी ऋतुएँ पाई जाती हैं? किसी एक भौगोलिक विवरण दीजिए।
उत्तर-भारत देश में कुल छः ऋतुएँ पाई जाती हैं। बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत एवं शिशिर। एक का भौगोलिक विवरणशीत ऋतु-शीत ऋतु में सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है। इसलिए उत्तरी गोलार्द्ध ठंडा रहता है। इस ऋतु में दक्षिण भारत में तापमान 21°-27° सेंटीग्रेड के बीच और मैदानी भाग में 12°- 18° सेंटीग्रेड के बीच रहता है। इस समय चेन्नई का औसत तापमान 25° से., कोलकाता का 20° से०, पटना का 17° सेंटीग्रेड तथा दिल्ली का 14° से. रहता है। सबसे अधिक ठंडक उत्तर-पश्चिमी भाग में रहती है। इसलिए वहाँ उच्च वायु दाब का क्षेत्र बन जाता है। इस समय हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर बहती है इसलिए शुष्क होती हैं तथा वर्षा नहीं करतीं। आकाश स्वच्छ होने के कारण रात में ताप विकिरण तेजी से होता है तथा पारा कम होता है। हिमालय क्षेत्र के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में इन दिनों हिमपात होता है। इस ऋतु दो क्षेत्रों में वर्षा होती हैएक उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र तथा दूसरा दक्षिण पूर्वी क्षेत्र । उत्तर पश्चिम भारत में चक्रवातीय वर्षा होती है जो दिसम्बर से मार्च तक पूर्वी भूमध्य सागर से इराक, इरान तथा पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचती है। यह वर्षा मात्र 3-6 सेंटीमीटर ही होती है पर रबी फसल के लिए लाभदायक होती है। जनवरी-फरवरी में उत्तरी-पूर्वी शुष्क हवाएँ बंगाल की खाड़ी से गुजरती हुई जलवाष्प ग्रहण कर भारत के दक्षिण-पूर्वी भाग अर्थात् तमिलनाडु पर वर्षा करती है जिससेवहाँ जाड़े में चावल की खेती होती है।
प्रश्न 3. भारत की जलवायु के मुख्य कारकों को स्पष्ट करें।
उत्तर-भारत की जलवायु के मुख्य कारक हैंअक्षांश, ऊँचाई, समुद्र से निकटता, पवन की दिशा, वन, सामुद्रिक जलधारा, वर्षा, पहाड़/पर्वत तथा मिट्टी।
(i) अक्षांश-कर्क रेखा (23.5° उ०) भारत के मध्य से गुजरती है। भारत में कर्क रेखा के उत्तर में उपोष्ण तथा दक्षिण में दक्षिण-उष्ण जलवायु पाई जाती है। अत: दक्षिण भारत गर्म एवं उत्तर भारत अपेक्षाकृत ठंडा रहता
(ii) ऊँचाई-ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान घटता जाता है। भारत के उत्तर में हिमालय पर्वतमाला स्थित है जिसकी औसत ऊँचाई 6000 मीटर है तथा तटीय मैदानी क्षेत्र की ऊंचाई 30-150 मी. है। अतः पर्वतीय भाग ठंडा तथा मैदानी या तटीय भाग अपेक्षाकृत ठंडा रहता है।
(iii) वायुदाब एवं पवन-भारत में कर्क रेखा क्षेत्र से विषुतव रेखा क्षेत्र की ओर उत्तर-पूर्वी मौनसून पवन चलती हैं। ये स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं अतः इनसे वर्षा नहीं होती। गर्मी में यह स्थिति विपरीत हो जाती है। सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में होने के कारण राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है तथा मकर रेखा के क्षेत्र में उच्च दाब रहता है। अतः हवाएँ दक्षिणी गोलार्द्ध को पार करते हुए हिन्द महासागर को पारकर भारत में पहुंचने लगती हैं जिससे पूरे भारत में व्यापक वर्षा होती है।
(iv) जल एवं स्थल का वितरण-समुद्र तटीय क्षेत्र में जाड़ा तथा गर्मी के तापमान में ज्यादा अन्तर नहीं होता क्योंकि जल भाग देर से गर्म होता है एवं देर से ठंडा, वहाँ तापान्तर कम होने के कारण जलवायु सम बनी रहती है। उत्तर भारत के समुद्र से होने के कारण वहाँ जाड़े में ज्यादा सर्दी तथा गर्मी में ज्यादा गर्मी पड़ती है।
प्रश्न 4. जेट धाराएँ क्या हैं तथा भारत की जलवायु पर इनका क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-पश्चिमी प्रवाह से प्रभावित ऊपरी वायु परिसंचरण को जेट धाराएँ कहते हैं। ये लगभग 27-30° उत्तरी अक्षांशों के बीच चलती है। ये सितम्बर से मार्च तक हिमालय के दक्षिणी छोर पर चलती हैं तथा देश के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भाग में पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ के रूप में आकर वर्षा की झड़ी लगा देती हैं। ऐसी स्थिति को बनाने में वायुदाब में अंतर तथा पवन की दिशा भी मुख्य कारक है।
प्रश्न 5. भारत में होने वाली मौनसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-भारत में मौनसूनी वर्षा मुख्यतः दो प्रकार की होती है-ग्रीष्मकालीन वर्षा एवं शीतकालीन वर्षा।
ग्रीष्मकालीन वर्षा-भारत में ग्रीष्मकालीन वर्षा दक्षिण पश्चिम मौनसून हवा से होती है। एक शाखा अरब सागर की शाखा है जो भारत के पश्चिम तटीय भाग तथा पश्चिमी घाट पर्वत के पश्चिमी ढाल पर भारी वर्षा होती है। दूसरी शाखा बंगाल की खाड़ी शाखा है जो अण्डमान-निकोबार द्वीपों पर वर्षा करने के बाद पूर्वांचल एवं मेघालय के बीच पहुँचकर पश्चिम की ओर मुड़ जाती है तथा पूर्वोत्तर भारत एवं गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान में वर्षा करती है। पूर्वोत्तर भारत में 250 से० मी० से भी अधिक तथा राजस्थान के पश्चिमी भाग में 25 से० मी. से भी कम वर्षा होती है।
शीतकालीन वर्षा-भारत में शीतकालीन वर्षा के क्षेत्र सीमित हैं। लौटती मानसून तथा उत्तर-पूर्वी मानसून से भारत के पर्वी तटीय भाग, तमिलनाड तथा केरल में वर्षा होती है। स्थल से चलने वाली यह हवा जब बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरती है तो नमी धारण कर लेती है जिससे यह वर्षा होती है। इस हवा से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में वर्षा होती है।
प्रश्न 6. एल निनो तथा ला निना में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-एल निनो एक गर्म जलधारा है जो दक्षिण अमेरिका के पेरु एवं इक्वेडोर देशों के प्रशांत तटीय भाग में तीन से सात वर्ष के अंतराल पर उत्पन्न होती है। इस गर्म जलधारा के कारण अचानक जल के तापमान में 510° की वृद्धि हो जाती है। जब यह धारा पूर्वी द्वीप समूह में पहुँचती है तो वहाँ निम्नदाब का क्षेत्र बन जाता है। परिणामस्वरूप उत्तरी भारत में सामान्य से कम वर्षा होती है तथा सूखे की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ला निना की उत्पत्ति पेरु के तट पर होती है। यह ठण्डी जलधारा भी पूर्वी द्वीप समूह क्षेत्र में पहुँचकर वायुदाब बढ़ा देती है। इसकी कुछ मात्रा भारत पहुँचकर दक्षिण-पश्चिम मौनसून हवा में जल की मात्रा बढ़ा देती है जिससे सामान्य से अधिक वर्षा होती है।