अध्याय:2 बल तथा गति के नियम(Class-9,Physics

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1.निम्न में से किसका जड़त्व अधिक है : (a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर, (b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी, (c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का

उत्तर किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है। वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होता है, उसका जड़त्व उतना ही अधिक होता है, विपरीत क्रम से भी यही|

(a) एक पत्थर का द्रव्यमान समान आकार के रबर की गेंद के द्रव्यमान से अधिक होता है। इस प्रकार, एक पत्थर का जड़त्व रबर की गेंद से अधिक होता है।

(b) एक रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान से अधिक होता है। इस प्रकार, एक रेलगाड़ी का जड़त्व साइकिल से अधिक होता है।

(c) पाँच रुपये के एक सिक्के का द्रव्यमान एक रुपये के एक सिक्के के द्रव्यमान से अधिक होता है| इस प्रकार, पाँच रुपये के एक सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक होता है|

2.नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें : “फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा उस खिलाड़ी गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है|” इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है

उत्तर गेंद का वेग चार बार बदलता है। पहली बार, जब एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है, दूसरी बार, जब दूसरा खिलाड़ी गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। तीसरी बार, जब गोलकीपर गेंद को रोकता है| चौथी बार, जब गोलकीपर गेंद को अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है। बल प्रदान करने के कारक : पहली अवस्था- पहला खिलाड़ी दूसरी अवस्था- दूसरा खिलाड़ी तीसरी अवस्था- गोलकीपर चौथी अवस्था- गोलकीपर

3.किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?

उत्तर किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्योंकि शाखाएँ गति में आती हैं जबकि स्थिरता के जड़त्व के कारण पत्तियाँ विरामावस्था में रहती हैं।

4.जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?

उत्तर: एक गतिशील बस में, गति के जड़त्व के कारण हम बस के साथ गति में रहते हैं। जैसे ही ड्राईवर ब्रेक लगाता है, बस रूक जाती है। लेकिन हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बने रहने की प्रवृत्ति रखता है। परिणामस्वरूप, आगे की ओर बल लगाया जाता उसी प्रकार, बस के विरामावस्था से गतिशील होने पर हम पीछे की ओर हो जाते हैं, क्योंकि बस के गतिशील होने पर हमारा पैर, जो बस के फर्श के संपर्क में रहता है, गति में आ जाता है| परंतु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध करता है। इसलिए बस के विरामावस्था से गतिशील होने पर हम पीछे की ओर हो जाते हैं।

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1.यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?

उत्तर घोड़ा पृथ्वी की सतह को अपने पैरों से पीछे धकेलता है| न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, पृथ्वी की सतह घोड़े पर उतना ही प्रतिक्रिया बल विपरीत दिशा में लगाती है जिसके प्रभाव से गाड़ी आगे बढ़ती है।

2.एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट करें।

उत्तर जब एक अग्निशमन कर्मचारी तीव्र गति बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबर की नली को पकड़ता है तो उस पर फेंकी जा रही पानी द्वारा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल लगता है| यह न्यूटन के गति के तीसरे नियम के कारण होता है| इस प्रतिक्रिया बल के फलस्वरूप, अग्निशमन कर्मचारी की स्थिरता कम हो जाती है। इसलिए उसे रबर की नली पकड़ने में कठिनाई होती है।

3.एक 50 g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की रायफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए

उत्तर:

4.100 g और 200 g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 m और 1 m के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 m हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें|

उत्तर .उत्तर प्रथम वस्तु का द्रव्यमान, m = 100 g = 0.1 kg

दूसरे वस्तु का द्रव्यमान, m2 = 200 g = 0.2 kg

टकराने के पहले ma का वेग, V= 2 m/s

टकराने के पहले mp का वेग, V2 = 1 m/s

टकराने के बाद m का वेग, V3 = 1.67 m/s

टकराने के बाद mp का वेग, = VA

संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार, टकराने के बाद का कुल संवेग = टकराने के पहले का कुल संवेग इसलिए,

mV1 + m2V2 = m7V3 + mpV 2(0.1) + 1(0.2) 

=1.67(0.1) + V4 (0.2) 0.4 = 0.167 + 0.2V4 V4

= 1.165 m/s इस प्रकार, टकराने के बाद दूसरे वस्तु का वेग 1.165 m/s होता है।

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1कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है| क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु का वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें| यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

उत्तर हाँ, किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है जब उस पर लगा बाह्य असंतुलित बल शून्य होता है। बारिश की बूंद नियत वेग के साथ गिरती हैं। बूंद का वजन उत्क्षेप तथा वायु के वेग द्वारा संतुलित होता है। इस प्रकार, बूंद पर लगा बल शून्य होता है|

2.जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें

उत्तर जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो यह अचानक गति में आ जाता है। धूल के कण स्थिरता के जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहते हैं, इसलिए ये बाहर आ जाते

3.बस की छत पर रखे समान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?

उत्तर जैसे ही बस गतिशील होता है, छत पर रखे समान का निचला हिस्सा बस के संपर्क में रहने के कारण गति में आ जाता है। लेकिन समान का उपर हिस्सा स्थिरता के जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहता है। इसलिए ऊपरी भाग पीछे छूट जाता है तथा समान गिर जाता है। यही कारण है कि बस की छत पर रखे समान को रस्सी से बाँधा जाता है|

4.किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है| कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रूक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि

(a) बल्लेबाक ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।

(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।

(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है|

(सही विकल्प का चयन करें)

उत्तर गेंद की गति धीमी हो जाती है तथा विपरीत दिशा में लगने वाले घर्षण बल तथा वायु प्रतिरोध के कारण यह विरामावस्था में आ जाता है| इस प्रकार, गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है, विकल्प सही है|

5.एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है| यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है| इसका त्वरण ज्ञात करें| अगर इसका द्रव्यमान 7 मीट्रिक टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 मीट्रिक टन = 1000kg)

उत्तर: प्रारंभिक वेग, u= 0

तय की गई दूरी, s = 400 m

लिया गया समय, t= 20 s

हम जानते हैं, s = ut + Vat’ या, 400 = 0+2a (20) या,

a = 2 ms अब, m = 7 मीट्रिक टन= 7000 kg,

a = 2 ms. या, F = ma = 7000 x 2 = 14000 N

6. 1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है| पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रूक जाता है| पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें|

उत्तर:पत्थर का प्रारंभिक वेग, u= 20 m/s

पत्थर का अंतिम वेग, v = 0

पत्थर द्वारा तय की गई दूरी, s = 50 m

चूँकि, V2– u2 = 2as,

या , 0 – 20 = 2a x 50,

या, a =- 4 ms-2

घर्षण बल, F = ma = – 4N

7. एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है| यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें :

(a) नेट त्वरण बल

(b) रेल का त्वरण तथा

(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल

उत्तर:

8.एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है| यदि गाड़ी को 1.7 ms के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?

उत्तर गाड़ी का द्रव्यमान, m = 1500 kg

अंतिम वेग, v = 0 (अंत में गाड़ी के रूकने पर) गाड़ी का त्वरण,

a = 1.7 ms-2 न्यूटन के गति के दूसरे नियम से :

बल = द्रव्यमान – त्वरण = 1500 x (-1.7) = -2550 N इसलिए गाड़ी के विपरीत दिशा में गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल -2550 N है।

9.किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा? (a) (mv) (b) mv (c) 2 mv (d) mv

उत्तर (d) my वस्तु का द्रव्यमान = m वेग = v संवेग = द्रव्यमान x वेग संवेग = my

10.हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं| बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?

उत्तर लकड़ी का बक्सा नियत वेग से तभी आगे बढ़ेगा, जब उस पर लगा नेट बल शून्य हो| इसलिए बक्से पर लगने वाला घर्षण बल = 200 N है, जो बक्से के गति के विपरीत दिशा में लगता है|

11.दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही है| टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 m है| टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?

उत्तर

12.गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है| यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा| एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?

उत्तर तर्क यह है कि क्रिया और प्रतिक्रिया बल दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं, इसलिए वे दोनों एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। जब हम एक भारी ट्रक को धक्का देते हैं तो उसके चक्के तथा सड़क के बीच का आकर्षण बल बहुत अधिक होता है और ट्रक गतिशील नहीं हो पाता|

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13. 200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 m/s की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले और संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।

उत्तर हॉकी की गेंद का द्रव्यमान, m = 200 g= 0.2 kg गेंद का वेग, u1 = 10 m/s गुटके का द्रव्यमान, m2 = 5 kg गुटके का वेग, up = 0

14. 10 g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है| गोली लकड़ी को कितनी दूर तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें|

उत्तर:

15.एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।

उत्तर :

16.100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 s में 5 ms-1 से 8 ms- हो जाता है| वस्तु से पहले और बाद के संवेगों की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है |

उत्तर  वस्तु का प्रारंभिक वेग,  u = 5 ms-i वस्तु का अंतिम वेग,  v = 8 ms-1 वस्तु का द्रव्यमान, m = 100 kg

17.अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया| अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ| इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें

उत्तर किरण का यह मानना कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है, गलत है| अख्तर का यह मानना कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक होने के कारण कार ने कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया भी गलत है। राहुल का तर्क सही है। कार तथा कीड़ा के टकराने पर दोनों पर क्रिया तथा प्रतिक्रिया के रूप में समान तथा विपरीत बल लगा| दोनों के संवेग में भी बराबर परिवर्तन हुआ| केवल संवेग के परिवर्तन के चिन्ह विपरीत हैं। दोनों के संवेग में परिवर्तन विपरीत दिशा में होता है, हालाँकि दोनों के संवेग में परिवर्तन का परिमाण बराबर है।

18.एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी| इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें| परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2लें|

उत्तर:

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अतिरिक्त अभ्यास

1.एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी समय सारणी निम्नवत् है:

a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?

(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?

उत्तर (a) यहाँ समय के समान अन्तराल में दूरी में असमान परिवर्तन होता है। इसलिए दिए गए वस्तु में असमान गति है| चूँकि समय के साथ वस्तु का वेग बढ़ता है, इसलिए त्वरण भी बढ़ रहा है।

(b) यहाँ वस्तु त्वरित अवस्था में है। न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार, किसी वस्तु पर लगने वाला बल वस्तु में उत्पन्न त्वरण से सीधे आनुपातिक होता है| इसलिए हम कह सकते हैं कि वस्तु पर असंतुलित बल लगता है|