वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
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1.नई आर्थिक नीति में किसे सम्मिलित किया गया?
(क) उदारीकरण (ख) निजीकरण (ग) वैश्वीकरण (घ ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ग)
2.वैश्वीकरण के मुख्य अंग कितने हैं?
(क ) एक(ख) दो (ग) पाँच ( घ) चार
उत्तर- (घ)
3.इनमें से कौन बहुराष्ट्रीय कम्पनी है?
(क) फोर्ड मोटर्स (ख) सैमसंग (ग) कोका कोला (घ) इनमे से सभी
उत्तर- (घ)
4.वैश्वीकरण का अर्थ है
(क) विदेशी पूँजी एवं विनियोग पर रोक
(ख) व्यापार, पूंजी, तकनीक हस्तांतरण, सूचना प्रवाह द्वारा देश की अर्थव्यवस्था का विश्व अर्थव्यवस्था के साथ समन्वय
(ग) सरकारीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाना
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर -ख
5.पारले समूह के थम्स अप ब्रांड को किस बहुराष्ट्रीय कंपनी ने खरीद लिया?
(क) कोका कोला (ख) एल जी (ग) रिबॉक (घ) नोकिया
उत्तर-(क)
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.वैश्वीकरण का अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था का……अर्थव्यवस्था के साथ समन्वय । उत्तर – विश्व
2. व्यापार, पूँजी, तकनीक, हस्तांतरण, सूचना प्रवाह के माध्यम ……….. से बढ़ावा मिलता है। उत्तर – वैश्वीकरण
3. बहुराष्ट्रीय कंपनियों वैश्वीकरण की प्रक्रिया में …….. भूमिका निभा रही है। उत्तर – मुख्य
4. विदेशी व्यापार विश्व के देशों के बाजारों को……. का कार्य करते हैं। उत्तर – जोड़ने
5. W.T.O. (World Trade Organisation) की स्थापना सन्…… में की गई। उत्तर -1995
लघु उत्तरीय प्रश्न:
1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – वह प्रक्रिया जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का पकीकरण कियसा जाता है, जिससे वस्तुओं एवं सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूँजी और श्रम या मानवीय पूँजी का बिना किसी रूकावट के प्रवाह हो सके, ” वैश्वीकरण ” कहलाती है । बैंको मिलनोविक के अनुसार, ” वैश्वीकरण का अर्थ पूँजी , वस्तु, प्रौद्योगिकी एवं लोगों के विचार का स्वतंत्र प्रवाह होता है। कोई भी ऐसा वैश्वीकरण आशिक ही माना जाएगा जिसमें मानवीय संपदा के प्रवाह में रूकावट आए । ” वैश्वीकरण के कारण ही विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं, पूँजी और प्रौद्योगिकी का आदान – प्रदान हो रहा है । दुनिया के विभिन्न देशों के लोग एक – दूसरे के अधिक संपर्क में आये हैं।
2. बहुराष्ट्रीय कंपनी किसको कहते हैं?
उत्तर – वैसी कंपनियों जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती है, बहुराष्ट्रीय कंपनी कहलती है। जैसे सैमसंग, कोका कोला,फोर्ड मोटर्स, इंफोसिस,टाटा मोटर्स आदि । बहुराष्ट्रीय कंपनियों उत्पादन लागत में कमी करने एवं अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उन जगहों या देशों में उत्पादन कारखाने स्थापित करती है, जहाँ उन्हें सस्ता श्रम,सस्ता कच्चा माल एवं अन्य संसाधन आसानी से उपलब्ध हो सकें । उदाहरण के लिए, डाबर कंपनी सस्ती भूमि एवं श्रम की उपलब्धता के कारण अपनी वस्तुओं का उत्पादन नेपाल में करती है।
3. विश्व व्यापार संगठन क्या है? यह कब और क्यों स्थापित किया गया?
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य है अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना । इस संगठन की स्थापना जनवरी 1995 ई० में की गई थी। वर्तमान में 149 देश विश्व व्यापार संगठन ( 2006) के सदस्य हैं। भारत भी इसका संस्थापक सदस्य रहा है । इसका मुख्यालय जेनेवा में है। विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और यह कोशिश करता है कि इन नियमों का पालन हो । यह सभी देशों को मुक्त व्यापार की सुविधा देता है।
4.भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -1980 के दशक के अतिम तक सरकार का व्यय उसके राजस्व से इतना अधिक हो गया कि उसे क्षमता से अधिक माना जाने लगा । वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि होने लगी। आयात में वृद्ध होने लगी। पन्द्रह दिनों के लिए भी आवश्यक वस्तु जैसे- पेट्रोल आदि का आयात का भुगतान करने योग्य मुद्रा भी विदेशी मुद्रा के सुरक्षित भंडार में नहीं था। भारत सरकार के पास अंतर्राष्ट्रीय ऋणदाताओं की ब्याज चुकाने के लिए भी पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं बची थी । 1990-91 के खाड़ी युद्ध से ये संकट और भी बढ़ गया । इन सब कारणों से सन् 1991 ई. में सरकार ने कुछ नई नीतियों को अपनाया जिसे नई आर्थिक नीति कहा जाता है। इसमें आर्थिक सुधारों को सम्मिलित किया गया। इस आर्थिक नीति के निम्नलिखित उद्देश्य हैं
(क) उत्पादन इकाईयों की कार्यकुशलता एवं उत्पादकता स्तर में सुधार लाना ।
(ख) उत्पादन इकाईयों को प्रतियोगी क्षमता को बढ़ाना।
(ग) विदेशी विनियोग एवं तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करना ।
(घ) आर्थिक विकास की दर को बढ़ाना।
(ङ) आर्थिक विकास के लिए विश्वव्यापी संसाधनों का प्रयोग करना ।
(च) वित्तीय क्षेत्र में सुधार लाना।
(छ) सार्वजनिक क्षेत्र के कार्य – संपादन में सुधार लाना।
5.उदारीकरण को परिभाषित करें।
उत्तर – सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों जैसे- लाइसेंस, कोटा आदि को हटाना उदारीकरण कहलाता है। सुधारों के अन्तर्गत सन् 1991 से भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनायी।
6.निजीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंध करना निजीकरण कहलाता है । आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत भारत सरकार ने सन् 1991 से निजीकरण की नीति अपनायी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
1. एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा किसी देश में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के निर्णय पर किन बातों का प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों कई प्रकार से अपने उत्पादन कार्य का प्रसार करती है । जैसे
(क) स्थानीय कंपनी को खरीदना और उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना । उदाहरण के लिए, पारले समूह के थम्स अप ब्रांड को कोका कोला (जो एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है) ने खरीद लिया।
(ख) कभी – कभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों दूसरे देशों के स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती है, इससे स्थानीय कंपनियों को नवीन प्रौद्योगिकी मिलता है और उत्पादन के लिए पूँजी मिलती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के पास अधिक पूंजी होती है।
(ग) बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों माल के उत्पादन के लिए छोटे उत्पादकों का सहारा लेती है । वस्त्र , जूते, खिलौने आदि का उत्पादन छोटे उत्पादकों के द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए किया जाता है और इन उत्पादकों बहुराष्ट्रीय कंपनियों अपने ब्रांड के नाम से दुनिया भर में बेचती है। इस तरह विश्व के दूर-दूर स्थानों पर फैला उत्पादन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा एक – दूसरे से संबंधित हो रहा है । इस तरह बहुराष्ट्रीय कंपनियों वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रहा है।
2.वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभावों को बताएँ।
उत्तर – वैश्वीकरण का बिहार पर कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़े, जो इस प्रकार है
(क) कृषि उत्पादन में वृद्धि – बिहार की कृषि मॉनसून पर आधारित है। इसी वजह से 2009 में कम वर्षा । होने के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है । लेकिन वैश्वीकरण के प्रभाव के कारण ही कृषि उत्पाद में कमी होने के बावजूद सरकार यह कहने में सक्षम है कि लोगों के खाद्यान्न की आवश्यकताओं की भरपाई की जा सकती है।
(ख) निर्यातों में वृद्धि – वैश्वीकरण के फलस्वरूप बिहार से किए गए निर्यातों में वद्धि हई है। इन निर्यातों में खाद्य एवं व्यवसायिक फसलों का निर्यात, निर्मित वस्तुओं का निर्यात आदि शामिल हो गये हैं । एवं लघु उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का निर्यात आदि शामिल हो गए हैं
(ग) विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग की प्राप्ति वैश्वीकरण के फलस्वरूप बिहार में विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग भी हुआ है और इसमें दिलचस्पी भी दिखाई गई है।
(घ) निर्धनता में कमी – वैश्वीकरण के बाद राज्य में निर्धनता में कमी आयी है। 1993 94 में निर्धनता रेखा से नीचे आनेवाली जनसंख्या 54.96% था जो 1999-2000 में घटकर 42.60 96 हो गया।
(ड़) रोजगार के अवसरों में वृद्धि वैश्वीकरण के फलस्वरूप रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है । वैश्वीकरण का ही प्रभाव है कि बिहार के बहुत सारे सॉफ्टवेयर इंजीनियर विदेशों में नौकरी कर रहे हैं।
(च) बहुराष्ट्रीय बैंक एवं बीमा कंपनियों का आगमन वैश्वीकरण के फलस्वरूप बहुराष्ट्रीय बैंकों जैसे HSBC बैंक आदि का आगमन हुआ। बिहार में बहुराष्ट्रीय बीमा कंपनियों, भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर संयुक्त कम्पनी के रूप में बाजार में आ रही हैं । जैसे- बजाज एलियांज, बिरला सनलाइफ आदि।।
(छ) विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता – वैश्वीकरण के कारण बिहार में विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तुएँ उपलब्ध हो गयो हैं । जैसे- बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मोबाइल फोन, जूते आदि।
बिहार पर वैश्वीकरण का नकारात्मक प्रभाव –
(क) कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों की उपेक्षा बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है । यहाँ बड़े पैमाने पर उद्योग – धंधे काफी कम हैं, इसलिए कृषि आधारित उद्योगों के विकास को संभावना है । लेकिन, वैश्वीकरण के बाद जितना निवेश होना चाहिए, उतना नहीं हुआ है। (
ख) कुटीर एवं लघु उद्योग पर विपरीत प्रभाव बिहार में बड़े पैमाने के उद्योग – धंधे कम हैं । यहाँ कुटीर एवं लघु उद्योग ज्यादा हैं, लेकिन वैश्वीकरण के कारण छोटे पैमाने के उद्योगों जैसे लघु एवं कुटीर उद्योग पर मुश्किलें आयी हैं, क्योंकि उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निर्मित वस्तुओं का सामना करना पड़ता है, जो क्वालिटी में इनसे अच्छी और सस्ती होती है।
(ग) रोजगार पर विपरीत प्रभाव बिहार में छोटे पैमाने के उद्योग – धंधे ज्यादा हैं जैसे – कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग आदि । बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निर्मित वस्तुओं के आने से बहुत सारी इकाइयाँ बंद हो गईं। जिसके कारण बहुत सारे श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं।
(घ) आधारभूत संरचना के कम विकास के कारण कम निवेश – देश के अन्य राज्यों में वैश्वीकरण के फलस्वरूप जितना पूँजी निवेश हुआ है, उतना बिहार में नहीं हुआ है। इसका कारण है बिहार में आधारभूत संरचना में कमी।
3.भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जाते हैं
(i) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रोत्साहन – वैश्वीकरण से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रोत्साहित होगा । जिससे विकासशील देश अपने विकास के लिए पूँजी प्राप्त कर सकेगा।
(ii) प्रतियोगी व्यक्ति में वृद्धि – वैश्वीकरण के फलस्वरूप विकासशील देशों की प्रतियोगी शक्ति में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था का विकास होगा।
(iii) नई – प्रौद्योगिकी के प्रयोग में सहायक – वैश्वीकरण विकासशील देशों को विकसित देशों द्वारा तैयार की गई नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग में सहायता प्रदान करता है।
(iv) नये बाजार तक पहुँच-इसके फलस्वरूप विकासशील देशों के लिए दुनिया के बाजारों का मार्ग खुला
(v) बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र में सुधार- वैश्वीकरण के फलस्वरूप विश्व के अन्य देशों के संपर्क में आने से बैकिंग तथा क्षेत्र में सुधार होगा।
(vi) मानवीय पूँजी की क्षमता का विकास – वैश्वीकरण के दो प्रमुख घटक हैं, शिक्षा तथा कुशल प्रशिक्षण। इससे मानवीय विकास को बढ़ावा मिलता है।
(vii) अच्छी उपभोक्ता वस्तुओं की प्राप्ति-वैश्वीकरण विकासशील देशों को अच्छी- अच्छी गुणवता वाली उपभोग वस्तुओं को कम कीमत में प्राप्त करने योग्य बनाता है।
(viii) उत्पादन तथा उत्पादित के स्तर को उन्नत करना – वैश्वीकरण से ज्ञान का प्रसार होता है. जिसके परिणामस्वरूप विकासशील देश अपने उत्पादन और उत्पादिता के स्तर को उन्नत कर सकते हैं।
4.वैश्वीकरण का आम आदमी पर पड़े प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर – वैश्वीकरण का आम आदमी पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़ा।
(i) उपयोग के आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता – वैश्वीकरण के फलस्वरूप लोगों को दुनिया के उच्चतम उत्पादन उपयोग करने के लिए उपलब्ध हो गया है। उदाहरण के लिए, पहले लोग मनोरंजन के लिए रेडियो का प्रयोग करते थे और आज विभिन्न कंपनियों की टेलीविजन उपलब्ध हैं।
(ii) रोजगार की बढ़ी हुई संभावना – वैश्वीकरण के कारण औद्योगिक प्रसार हुआ है, जिससे रोजगार के अवसर विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध हो गए हैं।
(iii) आधुनिकतम तकनीक की उपलब्धता – वैश्वीकरण के फलस्वरूप विकसित देशों के आधुनिकतम तकनीक अन्य विकासशील देशों में आसानी से उपलब्ध होने लगे हैं।
वैश्वीकरण का आम आदमी पर पड़ा बुरा प्रभाव –
(i) बेरोजगारी बढ़ने की आशंका – वैश्वीकरण के कारण आधुनिक संयंत्रों से मशीनी उत्पादन को बढ़ावा मिला है, जिससे बेरोजगारी की आशंका बढ़ने लगी ।
(ii) उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ती हुई प्रतियोगिता – विदेशी पँजी एवं विदेशी कंपनियों के बिना किसी प्रतिबंध के आयात होने से आम लोगों में बेरोजगारी फलाने की संभावना बढ़ी है।
(iii) श्रम – संगठनों पर बुरा प्रभाव – वैश्वीकरण के कारण श्रम कानूनों में लचीलापन आया है, जिससे श्रमिक संगठन कमजोर हो गया है, जिस कारण आम श्रमिकों को उचित पारिश्रमिक मिलने में कठिनाई आने लगी है
(iv) मध्यम एवं छोटे उत्पादकों की कठिनाई – वैश्वीकरण के कारण जो बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ देश में आने लगी हैं, उससे मध्यम और छोटे उद्योग और व्यवसाय के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होने लगा ।
(v) कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का संकट वैश्वीकरण के कारण देश और विदेश के बड़े-बड़े पूँजीपति फार्म हाऊस बनाने लगे हैं जिसमें कृषि के क्षेत्र में भी अधिक पूंजी निवेश के द्वारा कम श्रम-शक्ति से ही उत्पादन प्राप्त करने लगे हैं।