वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनें।
1.आर्थिक विकास का तीसरा क्षेत्र क्या है?
(क) कृषि क्षेत्र (ख ) विज्ञान क्षेत्र (ग) शिक्षा क्षेत्र (घ) सेवा क्षेत्र
उत्तर- (घ)
2. मानव पूंजी के प्रमुख घटक कितने हैं?
(क) 6(ख)4(ग)5 (घ) 8 उत्तर-(ग)
3. कौन बिमारू (Bimaru) राज्य नहीं है?
(क ) बिहार (ख) मध्य प्रदेश (ग) उत्तर प्रदेश (घ) उड़ीसा
उत्तर-(ग)
4. कौन-सी सेवा गैर सरकारी है?
(क) सैन्य सेवा (ख) वित्त सेवा (ग) मॉल सेवा (घ) रेल सेवा
उत्तर (ग)
5. ऊर्जा के मुख्य स्रोत क्या हैं?
(क) कोयला (ख) पेट्रोलियम (ग) विद्युत (घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (घ)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.Out Sourcing किसे कहते हैं?
उत्तर – जब बहुराष्ट्रीय कम्पनियों या अन्य कम्पनियों संबंधित सेवाएँ स्वयं अपनी कम्पनियों की बजाए किसी बाहरी या विदेशी स्रोत या संस्था या समूह से प्राप्त करती है, तो उसे बाह्य स्रोत (Outsourcing) कहा जाता है । सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रसार से ये गतिविधियों काफी महत्वपूर्ण और विशिष्ट आर्थिक गतिविधियाँ बन गई हैं।
2. सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) से जुड़े पाँच सेवा क्षेत्र को बतलाएँ ।
उत्तर – सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े पाँच सेवा क्षेत्र हैं
(i) कम्प्यूटर सेवाएँ, (ii) विज्ञापन सेवाएँ, (iii) सुरक्षा सेवाएँ, (iv) कानूनी सेवाएँ, (v) चिकित्सकीय सेवाएँ।
3. सरकारी सेवा किसे कहते हैं ?
उत्तर – जब लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में काम के बदले मासिक वेतन देश व राज्य की सरकार से प्राप्त होती है, तो इसे सरकारी सेवा की सूची में रखा जाता है । जैसे- सैन्य सेवा, स्वास्थ्य सेवा, अभियंत्रण सेवा , वित्त सेवा , शिक्षा सेवा, बैकिंग सेवा आदि।
4. गैर – सरकारी सेवा किसे कहते हैं? ।
उत्तर – जब सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रम, गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से लोगों तक पहुँचते हैं या लोग अपने प्रयास से ऐसी सेवाओं से लाभांवित होते हैं, तो उसे गैर सरकारी सेवा के अंतर्गत रखा जाता है। उदाहरण – ब्यूटी पार्लर, दूरसंचार सेवाएँ, स्वरोजगार सेवाएँ, विमान सेवाएँ, बैकिंग सेवाएँ आदि।
5. आधारभूत संरचना किसे कहते हैं?
उत्तर – आधारभूत संरचना वे सुविधाएँ हैं, जिसकी अनुपस्थिति में विकास की क्रिया संभव नहीं है । देश या राज्य की प्रगति कृषि, उद्योग एवं व्यापार पर निर्भर करती है और इनकी प्रगति आधारभूत संरचना पर निर्भर करती है । जिस देश या राज्य की आधारभूत संरचना मजबूत होती है, वह देश का राज्य काफी आगे होता है
6.रोजगार और सेवा में क्या संबंध है?
उत्तर – रोजगार और सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं। रोजगार और सेवा का अभिप्राय है कि जब व्यक्ति अपने परिश्रम एवं शिक्षा के आधार पर आजीविका के लिए धन कत्रित करता है, फिर जमा किए गए धन को जब पूँजी के रूप में उपयोग किया जाता है और उत्पादन के 1 क्षेत्र में निवेश किया जाता है तो सेवा क्षेत्र उत्पन्न होता है।
7.आर्थिक संरचनाओं का क्या महत्त्व है?
उत्तर -आर्थिक संरचनाओं के अंतर्गत वैसी सुविधाएँ आती हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन और लोगों की खुशहाली में वद्धि करती है। आर्थिक विकास के सभी क्षेत्रों से इनका प्रत्यक्ष संबंध होता है । आर्थिक संरचनाओं के अंतर्गत निम्नलिखित आते हैं वित्त ऊर्जा , यातायात, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार ।
8. मंदी का असर भारत में क्या पड़ा?
उत्तर -भारत पर मंदी का असर अन्य विकसित देशों की अपेक्षा काफी कम पड़ा, इसका प्रमुख कारण था यहाँ को पूँजी बाजार का काफी मजबूत अवस्था में होना, मानवीय श्रम की उच्च दक्षता एवं विशाल श्रमशक्ति | भारत का सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र काफी मजबूत है । यहाँ के बंगलोर शहर का सूचना प्रौद्योगिकी विश्व के अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी में से एक है । कृषि प्रधान देश होने से यहाँ की जनसंख्या पर मंदी का दुष्प्रभाव अधिक नकारात्मक नहीं हुआ है । बिहार के ऊपर मंदी का कुछ प्रभाव पड़ा । यहाँ के जो इंजीनियर मंदी पड़े देशों में काम करते थे, उन्हें वहाँ से निकाल दिया गया, जिसके फलस्वरूप उन्हें नये सिरे से रोजगार हासिल करने की आवश्यकता हुई । यहाँ उन राष्ट्रों से जो आय हमारे राज्य में आता था उसकी मात्रा में भी कमी आ गयी।
9. वैश्वीकरण का प्रभाव सेवा क्षेत्र पर क्या पड़ा?
उत्तर – वैश्वीकरण के प्रभाव से एक नई और महत्वपूर्ण विशाल गतिविधि के रूप में आउट सोर्सिंग (Out sourcing ) उभरकर सामने आई । जब बहुराष्ट्रीय कंपनिया या किसी कंपनिया संबंधित नियमित सेवाएँ स्वयं अपनी कम्पनियों की बजाय किसी बाहरी या विदेशी स्रोत से प्राप्त करती है तो उसे आउट सोर्सिंग (Out sourcing ) कहते हैं। इसके अंतर्गत कम्प्यूटर सेवाएँ, कानूनी सेवाएँ, चिकित्सीय सेवाएँ, विज्ञापन, सुरक्षा सेवाएँ आती हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.सेवा क्षेत्र पर एक संक्षिप्त लेख लिखें।
उत्तर – सेवा क्षेत्र रोजगार का एक व्यापक क्षेत्र है, जिसके अन्तर्गत मानव संसाधन के लिए व्यापक पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होने लगे हैं। वर्तमान समय में सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा का योगदान हो गया है । 2006-07 की आर्थिक समीक्षा और 2007-08 के केन्द्रीय बजट के अनुसार सेवा क्षेत्र का यह योगदान 68.6 प्रतिशत हो गया है। सेवा क्षेत्र के विकास के लिए मनुष्य का शिक्षित होना आवश्यक है किसी देश या राज्य मानव पूंजी जितना अधिक समृद्ध होता है, उस देश या राज्य का आर्थिक विकास भी उतनी ही तीव्र गति से होता है । समृद्ध मानव पूंजी से सशक्त श्रम शक्ति का जन्म होता है, जिससे लोग रोजगार पाने में सक्षम हो पाते हैं।
2. भारत विश्व को सेवा प्रदाता के रूप में कैसे है, उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर – भारत विश्व को अनेक प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है। भारत में होटल व्यापार , परिवहन अधवा यातायात एवं संवाद वाहन सेवाएँ काफी तेजी से बढ़ी हैं। इसमें मोबाइल और टेलीफोन का योगदान सबसे अधिक है । सेवा क्षेत्र में विशेषकर वित्तीय सेवाओं की दर जो 2003 04 में 5.6 प्रतिशत थी, वह 2004-05 में बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गयी। 2005-06 में यह वृद्धि दर बढ़कर 10.9 प्रतिशत तथा 2006-07 में 11.1 प्रतिशत हो गई । फिर उदारनीति के कारण एक अत्यंत महत्वपूर्ण विशाल गति के रूप में आउट सोर्सिंग। Out Sourcing) उभरकर सामने आई । आउट सोर्सिग आय के समय में एक बहुचर्चित गतिविधि है । इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों या अन्य कंपनियों संबंधित नियमित सेवाएँ स्वयं अपनी कम्पनियों की बजाए किसी बाहरी या विदेशी सोत से प्राप्त करती हैं। इन नीतियों का भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभावकारी प्रभाव पड़ा है। भारत से कॉल सेन्टर, अभिलेखांकन , लेखांकन , बैंकिंग सेवाएँ, संगीत को रिकार्डिंग, रेलवे पूछ – ताछ, पुस्तक शब्दांकन, चिकित्सा संबंधी परामर्श, शिक्षण एवं शोध कार्य इत्यादि सेवाएँ संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, यूरोपीय संघ जैसे कई विकसित देशों को प्रदान की जाती हैं।
3. सेवा क्षेत्र में सरकारी प्रयास क्या किये गये हैं, वर्णन करें। उत्तर – सेवा क्षेत्र में भारत सरकार के द्वारा रोजगार सृजन करने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसकी देख-रेख राज्य सरकार की ओर से भी किया जाता है । जैसे
(क) काम के बदले अनाज -14 नवम्बर, 2004
(ख) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम -1980182 वर्ग के लिए
(ग) ग्रामीण युवा स्वरोजगार प्रशिक्षण का कार्यक्रम-1979
(घ) ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम-1983
(ड़) समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम-20 अक्टूबर 1980
(च) जवाहर रोजगार योजना -1989
(छ) स्वयं सहायता समूह
(ज) नरेगा इत्यादि।
इन कार्यक्रमों के माध्यम से देश के बेरोजगारी समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है । ऐसा अनुमान है कि इन योजनाओं के माध्यम से करीब 62 96 बेरोजगार लोगों को रोजगार की प्राप्ति हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नरेगा विश्व की सबसे बड़ी योजना मानी जाती है । इस बार पंचायत , प्रखंड एवं जिला स्तर पर विचौलियों के कारण ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोग नरेका से लाभान्वित नहीं हो सके हैं । इस कारण नरेगा के कार्यान्वयन की कठिनाइयों को दूर कर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार देने के लिए मजबूत योजना बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
4. गैर सरकारी संस्था किस प्रकार सेवा क्षेत्र के विकास को सहयोग करता है? उदाहरण लिखें।
उत्तर – गैर सरकारी संस्था सेवा क्षेत्र के विकास में बहुत सहयोगी होता है, सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को लोगों तक पहुँचाने में गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है । गैर सरकारी सेवा क्षेत्र के अंतर्गत ब्यूटी पार्लर, दूरसंचार सेवाएँ, बैकिंग सेवाएँ, स्वरोजगार सेवाएँ, बस सेवा , विमान सेवा इत्यादि।
5. वर्तमान आर्थिक मंदी का प्रभाव भारत के सेवा क्षेत्र पर क्या पड़ा? लिखें।
उत्तर – वैश्वीकरण , निजीकरण एवं उदारीकरण के कारण लोगों को आर्थिक विकास क्षेत्र के खासकर सेवा क्षेत्र का लाभ प्रत्यक्ष रूप से मिलने लगा। दूसरे राष्ट्र में जाकर रोजगार करने का लोगों को अवसर मिला। विकसित राष्ट्र अमेरिका, फ्रांस, रूस, जापान, स्वीट्जरलैंड, चीन इत्यादि जगहों में भारतीय मूल के वैज्ञानिकों को काम करने का मौका मिल गया । यहाँ के वैज्ञानिकों ने कम मजदूरी पर इन राष्ट्रों में काम करना शुरू किया । वर्तमान मंदी के कारण सेवा क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है । उपभोक्ताओं की माँग लगातार बढ़ी है पर उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है । उत्पादकों को लागत मूल्य से कम आय प्राप्त हो रही है। इसी कारण से विकसित राष्ट्रों से तकनीकी वैज्ञानिकों को रोजगार से छंटनी कर दी गईं । भारत के उन वैज्ञानिकों पर भी प्रभाव पड़ा जो दूसरे राष्ट्र में रोजगार करते हैं । उत्पादन की क्रिया शिथिल हो गयी। अधिक घाट के कारण विकसित राष्ट्रों में आत्महत्या की घटनाएँ होने लगीं। अमेरिका में कई वित्तीय संस्थाओं को अपनी सेवाएँ बंद करनी पड़ी। भारत पर इसका असर कम पड़ा क्योंकि यहाँ का पूँजी बाजार मजबूत है। यहाँ का सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र काफी मजबूत है । यहाँ की आधारभूत संरचना कमजोर है फिर भी यहाँ मंदी का असर कम पड़ा।