वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरः
1. विहार में कितने प्रतिशत क्षेत्र पर खेती की जाती है?
(क)50(ख)36.5(ग)60 (घ) 80.5
उत्तर-(ग)
2. राज्य की कितनी प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में लगी है?
(क) 80 (ख) 75(ग) 65(घ) 86
उत्तर-(क)
3. इनमें कौन गन्ना उत्पादक जिला नहीं है?
(क) दरभंगा (ख)प, चंपारण (ग) मुजफ्फरपुर (घ) रोहतास
उत्तर-(घ)
4. बिहार के जूट उत्पादन में –
(क) वृद्धि हो रही है (ख) गिरावट आ रही है (ग) स्थिरता है (घ) इनमें परिवर्तनशील स्थिति है
उत्तर- (ख)
5. तंबाकू का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है
(क) गंगा का दियारा (ख) हिमालय की तराई (ग) गंगा का उत्तरी मैदान (घ) गंगा का दक्षिणी मैदान
उत्तर-(क)
6. कोसी नदी घाटी परियोजना कब प्रारंभ हुआ?
( क ) 1950 (ख ) 1952 (ग) 1955 (घ) 1948
उत्तर – (ग)
7. गंडक परियोजना का निर्माण किस स्थान पर हुआ है?
(क) बेतिया (ख) बाल्मीकिनगर (ग) मोतिहारी (घ) छपरा
उत्तर-(ख)
8. बिहार में नहरों द्वारा सर्वाधिक सिंचित जिला कौन है?
(क) रोहतास (ख) सीवान (ग) गया (घ) पश्चिमी चंपारण
उत्तर-(क)
9. बिहार में कुल कितने अधिसूचित क्षेत्र पर वन विस्तार है?
(क) 6350 वर्ग किमी. (ख) 6390 वर्ग किमी (ग) 6380 वर्ग किमी (घ) 6374 वर्ग किमी
उत्तर-(घ)
10. कुशेश्वर स्थान किस जिला में है?
(क) दरभंगा (ख) वैशाली (ग) बेगूसराय (घ) भागलपुर
उत्तर-(क)
11. काँवर झील कहाँ स्थित है?
(क) दरभंगा (ख) भागलपुर(ग) बेगूसराय (घ) भागलपुर
उत्तर-(ग)
12. संजय गांधी जैविक उद्यान किस नगर में है?
(क) राजगीर (ख) बोध गया (ग) पटना (घ) पूर्णिया
उत्तर-(ग)
13. विहार में खनिज तेल मिलने की संभावनाएँ कहाँ हैं?
(क) हिमालय क्षेत्र (ख) दक्षिण बिहार के मैदान में (ग) दक्षिण बिहार की पहाड़ी क्षेत्र (घ) गंगा के द्रोणी में
उत्तर-(घ)
14. चूना पत्थर का उपयोग किस उद्योग में होता है?
( क ) सीमेंट उद्योग (ख) लोहा उद्योग (ग) शीशा उद्योग (घ) वायुयान उद्योग
उत्तर-(क)
15. पाइराइट खनिज है
(क) धात्विक (ख) अधात्विक (ग) परमाणु(घ) बहुमूल्य
उत्तर-(ख)
16. बिहार के सोना अयस्क से प्रति टन शुद्ध सोना कितना प्राप्त होता है?
(क) 05 से 06 ग्राम (ख) 0.1 से 0.6 ग्राम (ग)0.05 से 0.1 ग्राम (घ) 06 से 10.5 ग्राम
उत्तर-(ख)
17. कहलगाँव तापीय विद्युत परियोजना किस जिला में है?
(क) भागलपुर (ख) मुंगेर (ग) जमुई (घ) साहेबगंज
उत्तर-(क)
18. कांटी तापीय विद्युत परियोजना कहाँ है?
(क) पूर्णिया (ख) गया (ग) पटना (घ) मुजफ्फरपुर
उत्तर-(घ)
19. विहार में बी.एच.पी.सी. द्वारा वृहत् परियोजनाओं की संख्या कितनी है?
(क)3(ख ) 10(ग) 5(घ)7
उत्तर-(घ)
20. बिहार में कार्यरत जलविद्युत परियोजनाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?
(क)35 मेगावाट (ख) 44 मेगावाट (ग) 50 मेगावाट (घ) 36 मेगावाट
उत्तर-(ख)
21 .विहार के किस शहर में काँच उद्योग है?
(क) हाजीपुर (ख) शाहपुर (ग) भवानीनगर (घ) बेतिया
उत्तर-(क)
22. सिगरेट कारखाना कहाँ है?
(क) मुंगेर में (ख) पटना में (ग) शाहपुर में (घ) गया में
उत्तर-(क)
23. रेलवे वर्कशाप कहाँ अवस्थित है?
(क) जमालपुर (ख) पटना (ग) मुंगेर (घ) भागलपुर
उत्तर-(क)
24. खाद कारखाना कहाँ स्थित है।
(क) बरौनी (ख) बाढ़ (ग) मोकामा(घ) महनार
उत्तर-(क)
25. किस नगर में कालीन तैयार होता है?
(क) गया (ख) दाउदनगर (ग) सराय( घ) पूर्णिया
उत्तर-(ख)
26 , अशोक पेपर मिल किस जिला में स्थित है?
( क ) पटना ( ख ) अररिया( ग ) समस्तीपुर (घ) पूर्णिया
उत्तर-(ग)
27. बिहार की पहली रेल लाइन थी
(क) माटीनी रेल लाइन (ख) भारत रेल (ग) बिहार रेल सेवा (ङ) ईस्ट इंडिया रेल मार्ग
28. पटना हवाई अड्डा का क्या नाम है?
(क) बिहाई हवाई अड्डा (ख) सुभाष हवाई अड्डा (ग) जयप्रकाश अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (घ) राजेन्द्र प्रसाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
उत्तर-(ग)
29. ग्रेड ट्रंक रोड का राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या कितना है?
(क) 1(ख) 2(17)3(घ)5
उत्तर-(ख)
30. बिहार में रेल परिवहन का शुभारंभ कब हुआ?
(क) 1860 (ख) 1842 (ग) 1858 (घ) 1862
उत्तर-(क)
31. पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय कहाँ है?
(क) पटना (ख) हाजीपुर (ग) वैशाली (घ) समस्तीपुर
उत्तर-(ख)
32. विहार की सीमा में रेलमार्ग की कुल लंबाई कितनी है?
(क) 6283 किमी. (ख) 5283 किमी. (ग)7283 किमी. (घ) 8583 किमी.
उत्तर-(क)
33. विहार में रज्जूमार्ग कहाँ है?
(क) बांका (ख) गया (ग) पूर्णिया (घ) राजगीर
उत्तर-(घ)
34. मंदार हिल किस जिला में स्थित है?
(क) बांका (ख) मुंगेर (ग) बक्सर (घ) भभुआ
उत्तर-(क)
35. राष्ट्रीय पोत संस्थान पटना में कहाँ स्थित है?
(क) बांस घाट ( ख ) गाँधी घाट (ग) महेन्द्र घाट (घ) दीघा घाट
उत्तर-(ग)
36. 2001 में बिहार की कुल जनसंख्या लगभग कितनी थी?
(क) 8 करोड़ (ख)9 करोड़ (ग) 10 करोड(घ) 11 करोड़
उत्तर- (क)
37.1991-2001 के दौरान बिहार में जनसंख्या – वृद्धि की दर क्या है?
(क)30% (ख) 28.6 96 (ग)28% (घ) 30.696
उत्तर-(ख)
38. बिहार में ग्रामीण आबादी कितनी है?
(क) 89.5 96 (ख) 79.5 96 (ग) 99.596 (घ) 19.89
उत्तर-(क)
39. बिहार का जनघनत्व 2001 में कितना था ?
(क) 772 व्यक्ति (ख) 781 व्यक्ति (ग) 981 व्यक्ति ( घ) 881 व्यक्ति, प्रति वर्ग किमी.
उत्तर-(घ)
40. सर्वाधिक आवादी वाला जिला कौन है?
(क) भागलपुर (ख) पटना (ग) मुंगेर (घ) नालंदा
उत्तर-(ख)
41. सासाराम नगर का विकास किस युग में हुआ था?
(क) प्राचीन युग (ख) आधुनिक युग (ग) मध्य युग (घ) वर्तमान युग
उत्तर-(ग)
42. निम्न में कौन नियोजित नगर है?
(क) पटना (ख) मुंगेर (ग) टाटानगर ( घ) गया
उत्तर-(ग)
43. 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार की नगरीय आबादी कितनी है?
(क)20.59 (ख) 15.5% (IT) 25.59 (घ) 10.596
उत्तर-(घ)
44. बिहार का सबसे बड़ा नगर कौन है?
(क) पटना (ख) दरभंगा (ग) गया (घ) भागलपुर
उत्तर-(क)
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1.विहार में धान की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – धान की फसल के उत्पादन के लिए आवश्यक जलोढ़ मिट्टी, तापमान, वर्षा की मात्रा एवं श्रम इत्यादि विहार में सभी उपलब्ध हैं। परिणामस्वरूप, यहाँ धान की भदई, अगहनी एवं गरमा , तीनों फसलें उगाई जाती हैं। इसकी खेती राज्य के सभी भागों में की जाती है। उत्तर तथा पूर्वी भागों में भदई धान तथा पूरे राज्य में अगहनी धान की खेती की जाती है। धान के उत्पादन में पश्चिमी चंपारण, रोहतास एवं औरंगाबाद अग्रणी हैं। 2006-07 में राज्य की 33.54 लाख हे. भूमि पर लगभग 50 लाख टन धान का उत्पादन हुआ।
2.बिहार में दलहन के उत्पादन एवं वितरण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर – बिहार में दलहन के अंतर्गत का उत्पादन किया जाता है। इनमें चना, मसूर , खेसारी तथा मटर रबी की फसल हैं जबकि अरहर मसूर, खेसारी, मटर, मूंग, अरहर, उड़द तथा कुरथी एवं मूंग खरीफ की फसल हैं। दलहन उत्पादन में पटना, औरंगाबाद एवं कैमूर जिले क्रम से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर हैं। 2006-07 में राज्य में 607 हजार है. भूमि पर 446 हजार मेट्रिक टन दलहन का उत्पादन हुआ।
3.“ कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ” व्याख्या कीजिए।
उत्तर – बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की लगभग 60 प्रतिशत भूमि पर कृषि कार्य की जाती है, जिस पर राज्य की 80 % आबादी निर्भर करती है। झारखंड राज्य के अलग हो जाने के बाद खनिज एवं उद्योगों का क्षेत्र बिहार से अलग हो गया। अब राज्य में नाममात्र के खनिज हो अब महत्वपूर्ण है। यहाँ भदई, अगहनी, रबी एवं गरमा की चारों फसलें प्राप्त की जाती हैं। बिहार देश का तीसरा बड़ा सब्जी एवं सबसे बड़ा अमरूद एवं लीची उत्पादक राज्य है। इन कृषि उत्पादों पर ही यहाँ के विभिन्न उद्योग विकसित हैं। इसलिए निश्चित रूप से ” कृषि विहार को अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
4.नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्यों को लिखें
उत्तर – नदी घाटी परियोजनाओं के कई उद्देश्य होते हैं। इसलिए इन्हें बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कहा जाता है । इन नदी घाटी परियोजनाओं के कुछ मुख्य उद्देश्य हैं
(i) बाढ़-नियंत्रण, (ii) सिंचाई की सुविधा, (iii) जल – विद्युत उत्पादन , (iv) भूमि अपरदन पर नियंत्रण, (v) मत्स्यपालन, (vi) यातायात विकास, (vii) औद्योगिक उपयोग , (viii) मनोरंजन, (ix) पेय जल आपूर्ति, (x) मृदा अपरदन नियंत्रण ।
5.विहार में नहरों के विकास से संबंधित समस्याओं को लिखिए।
उत्तर – बिहार में नहरों के विकास से संबंधित कुछ प्रमुख समस्याएँ हैं
(i) भूमि अधिग्रहण की समस्या । (ii) नक्सली समस्या । (iii) निर्माण संबंधी समस्या । (iv) स्थानीय सामाजिक-आर्थिक समस्याएँ । (v) पूँजी का अभाव।
6.बिहार के किस भाग में सिंचाई की आवश्यकता है और क्यों?
उत्तर – गंगा के दक्षिणी स्थित भाग की अधिकांश नदियाँ छोटानागपुर पठार से निकलने के कारण बरसाती है ।इन नदियों में सालों भर जल नहीं रहता है। साथ ही मानसूनी वर्षा भी काफी अनिक्षित प्रकृति की है जबकि फसलों को पानी की आवश्यकता के समय जल उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसलिए बिहार के दक्षिणी भाग में सिंचाई की आवश्यकता है।
7.बिहार में वन की कमी के चार कारण लिखिए।
उत्तर – विहार में वन की कमी के चार प्रमुख कारण है
(i) बिहार विभाजन के पश्चात् अधिकांश पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्रों का झारखंड में चला जाना ।
(ii) बिहार की भूमि का कृषि कार्य के अनुकूल होना ।
(iii) विकास कार्यों के लिए विद्यमान वनों का कटाव ।
(iv) वन महत्व संबंधी जागरूकता की कमी।
8.शुष्क पतझड़ वन का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर – बिहार में पतझड़ वनों की प्रधानता है जिसमें शुष्क पतझड़ वन पूर्वी मध्यवर्ती भाग तथा दुप, पहाड़ी भागों में पाई जाती है। सर्वाधिक विस्तार इस वन का कैमूर एवं रोहतास जिले में मिलता है जिसके अंतर्गत खैर , पलास, महुआ, अमलतास, शीशम, नीम, हरें- बहेड़ा के वृक्ष पाए जाते हैं।
9.एक प्रतिशत से कम वन विस्तार वाले विहार के जिलों के नाम लिखिए।
उत्तर – एक प्रतिशत से कम वन विस्तार वाले बिहार के जिलों में नालंदा , खगड़िया , मधेपुरा, बेगूसराय, समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, गोपालगंज, पटना, बक्सर, भोजपुर एवं सीवान शामिल हैं।
10.विहार में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्यों की कितनी संख्या है? दो अभ्यारण्यों की चर्चा कीजिए।
उत्तर – बिहार में 14 अभ्यारण्य एवं एक राष्ट्रीय उद्यान हैं । इन अभ्यारण्यों में बेगूसराय जिला के मंझौल अनुमंडल में कावर झील उल्लेखनीय है । यह 2500 एकड़ में फैला है। जिसे “ पक्षियों का स्वर्ग” कहा जाता है। इस झील में 300 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। दूसरा दरभंगा जिला में कुशेश्वर स्थान में स्थित है जहाँ वन्य जीव संरक्षण के कार्य किए जाते हैं।
11.अभ्रक कहाँ मिलता है? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर – अधात्विक खनिजों में अभ्रक महत्वपूर्ण है। बिहार में इसका कुल भंडार 60.35 हजार मैट्रिक टन है, जो नवादा, जमुई एवं बांका जिलों में पाया जाता है। अप्रक का उपयोग बिजली उद्योग , वायुयान उद्योग, खिलोना उद्योग में है क्योंकि अभ्रक पारदशी, चमकदार, ताप निरोधक एवं लचकदार होता है।
12.बिहार में ग्रेफाइट एवं यूरेनियम कहाँ कहाँ पाया जाता है?
उत्तर – बिहार में ग्रेफाइट या ब्लेक लोड मुंगेर एवं रोहतास में पाया जाता है।
13.बिहार के प्रमुख ताप विद्युत केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर – बिहार के ताप विद्युत केन्द्र हैं
(i) कांटी मुजफ्फरपुर, (ii) बरौनी बेगूसराय, (iii) कहलगाँव — भागलपुर।
14.सोन नदी घाटी परियोजना से उत्पादित जलविदयुत का वर्णन कीजिए।
उत्तर – सोन नदी घार्टी परियोजना के अंतर्गत जलविद्युत उत्पादन के लिए पश्चिमी नहर पर डेरी के पास 6.6 मेगावाट उत्पादन क्षमता तथा पूर्वी नहर पर बारूण के पास 3.3 मेगावाट उत्पादन क्षमता के शक्ति गृह बनाए गए हैं। इंदपुरी के पास 450 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन का कार्य प्रस्तावित है।
15.बिहार में जलविद्युत विकास पर प्रकाश डालिए
उत्तर – बिहार में 584 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। जिसमें 540 मेगावाट ताप विद्युत तथा 44 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन की है। इसमें सबसे अधिक 19 मेगावाट उत्पादन क्षमता कोसी जलविद्युत है । इसके बाद लगभग 10 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन को क्षमता सोन विद्युत केन्द्रों की है । 15 मेगावाट उत्पादन क्षमता पूर्वी गंडक स्थित उत्पादन केन्द्रों को तथा अगनूर, ठेलाबाग एवं नासरीगंज उत्पादन केन्द्रों की क्षमता एक-एक मेगावाट की है।
16.विहार के जूट उद्योग पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर – जूट बिहार के साथ ही साथ देश का एक महत्वपूर्ण उद्योग है। आजादी के बाद जूट पैदा करनेवाला अधिकांश क्षेत्र बांग्लादेश में चला गया । वर्तमान में बिहार में जूट के तीन बड़े कारखाने कटिहार , पूर्णिया एवं दरभंगा में है। इनमें कटिहार स्थित कारखाना कार्यरत है।
17. गंगा नदी किनारे स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – गंगा नदी किनारे स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्रों में शामिल हैं – हाजीपुर , पटना, फतुहा , बरौनी, भागलपुर, मुंगेर, बक्सर इत्यादि।
18. औद्योगिक विकास के लिए बिआडा के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर – बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बिआडा) द्वारा राज्य में औद्योगिक विकास के लिए 200607 में 172.45 करोड़ रू० परियोजना लागत वाली 15 इकाईयों को जमीन प्रदान की। जबकि 2007-08 में 4218.62 करोड निवेश वाली 627 नई इकाईयों को जमीन आवंटित की गई। जमीन आवंटन 24 घंटों की अंदर की जा रही है। हाजीपुर में पहला फूड पार्क विकसित होने जा रहा है। इसी तरह बिआडा के प्रयास से भागलपुर एवं बेगूसराय में हस्तकरघा पार्क निर्माण, पटना हवाई अड्डा में कारगो कम्प्लेक्स तथा फतुहा में अंतरदेशीय कंटेनर डिपो स्थापित होने जा रहा है।
19. नई औद्योगिक नीति के मुख्य बिंदुओं को लिखिए।
उत्तर – नई औद्योगिक नीति मुख्य बिन्दु निम्न हैं:
(i) बिहार राज्य के पुराने उद्योगों को पुनः संचालित करना।
(ii) सरकार के द्वारा नए उद्योगों की स्थापना करना।
(ii) बिहार राज्य के औद्योगिक विकास में निवेश करने हेतु बड़ी-बड़ी कम्पनियों को निमंत्रण दिया जाना ।
(iv) कर मुक्त निवेश हेतु छूट प्रदान करना।
(v) कृषि आधारित उद्योगों को लगाने पर बल देना ।
(vi) उद्योगों के विकास हेतु ढाँचागत सुविधाओं पर जोर देना।
20.जमालपुर में किस चीज का वर्कशाप है?
उत्तर – जमालपुर मुंगेर जिला में स्थित है, जहाँ डीजल इंजन का बड़ा रेलवे वर्कशाप है । यह एशिया का सबसे पहला स्थापित 1875 ई. रेलवे वर्कशाप है।
21. मुंगेर में कौन-कौन से उद्योग विकसित हैं?
उत्तर – मंगेर में बीडी उद्योग, तेल मिल, सती वस्त्र उद्योग, ऊनी वस्त्र ( कंबल) उद्योग, लाह उद्योग, बंदूक निर्माण उद्योग , डीजल इंजन कार्य रेलवे वर्कशाप जैसे उद्योग विकसित हैं।
22.उत्तर बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का विकास अधिक हुआ है। क्यों?
उत्तर – उत्तर बिहार का अधिकांश भाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इसलिए यहाँ दक्षिण बिहार की अपेक्षा सड़कों का विकास कम हुआ है।
23.बिहार में नदियों का परिवहन क्षेत्र में योगदान की चर्चा कीजिए।
उत्तर – बिहार में नदियों का जाल है । यहाँ कई नदियों में सालोंभर जल रहता है । जिससे ये परिवहन के अनुकूल है । प्राचीन और मध्यकाल में यह यातायात का मुख्य साधन था । घाघरा नदी से खाद्यान्न , गंडक से लकड़ी एवं फल-सब्जी, सोन नदी से बालू और पुनपुन नदी से बाँस ढोए जाते हैं। वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया- इलाहाबाद राष्ट्रीय आंतरिक जलमार्ग-1 विकसित है जिसका राष्ट्रीय महत्व है। –
24.बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों के नाम लिखिए।
उत्तर – विहार के प्रमुख हवाई अड्डे हैं- जयप्रकाश
(i) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पदना ।
(ii) बोध गया स्थित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , गया । इसके अलावा मुजफ्फरपुर, जोगबनी, रक्सौल, भागलपुर एवं बिहटा में भी हवाई अड्डे हैं।
25.उत्तरी विहार के रेलमार्ग की विवेचना कीजिए।
उत्तर – बिहार में रेलमार्ग का विकास 1860 में ब्रिटिश काल में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा गंगा थीं। 1975 ई. में मोकामा के पास राजेन्द्र सेतु के निर्माण के साथ ही उत्तर बिहार का दक्षिण बिहार के साथ रेल मार्ग द्वारा संपर्क हो गया । दीघा – सोनपुर के बीच बख्तियारपुर शाहपुर पटोरी तथा आरा – छपरा के बीच भी गंगा नदी पर रेल पुल प्रस्तावित है। पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय हाजीपुर उत्तर बिहार में ही है।
26.बिहार के जलमार्ग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर – बिहार में नदियों के जाल का प्राचीन काल से ही जलमार्ग के रूप में उपयोग होता रहा है। इनमें कई नदियों में सालोंभर जल रहता है । राज्य की गंगा , घाघरा , कोसी, गंडक एवं सोन नदियाँ ऐसी ही हैं जिनका जलमार्ग के रूप में प्रमुखता से उपयोग होता है । घाघरा नदी से खाद्यान्न , गंडक से फल – सब्जी एवं लकड़ी, सोन नदी से बालू तथा पुनपुन नदी से बाँस ढोया जाता है। आजकल पटना से फ्लोटिंग रेस्तराँ एवं दियारा तक नाव द्वारा मनोरंजक यात्रा की सुविधाएँ दी जा रही हैं। यही नहीं, गंगा नदी में राष्ट्रीय आंतरिक जलमार्ग संख्या -1 इलाहाबाद से हल्दिया तक विकसित है। सोन नदी से निकाली गई नहरों से भी परिवहन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
27.बिहार में अत्यधिक घनत्व वाले जिले का नाम लिखिए ।
उत्तर – बिहार में अत्यधिक घनत्व वाले जिलों का जनघनत्व 1200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है। ऐसे जिलों में पटना , दरभंगा, वैशाली, बेगूसराय, सौतामढी , सिवान एवं सारण शामिल हैं।
28बिहार में अत्यंत कम घनत्व वाले जिलों के नाम लिखिए।
उत्तर -600 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से कम घनत्व वाले जिले अत्यंत कम घनत्व वाले जिलों में शामिल हैं। ऐसे जिलों में पश्चिमी चंपारण , बाँका , जमुई और कैमूर जिलें शामिल हैं।
29.बिहार की जनसंख्या आकार को लिखिए।
उत्तर -2001 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 8 करोड़ 29 लाख 98 हजार 509 हैं जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 89 है। यहाँ की कुल आबादी का 8996 ग्रामीण आबादी है।
30.बिहार में जनसंख्या सभी जगह एकसमान नहीं है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- बिहार में घराकृति की विभिन्नताएँ हैं । समतल जलोढ़ मैदानी क्षेत्रों में घनी आबादी मिलता है, वही दक्षिणी पठारी एवं उत्तर – पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्रों में कम आबादी है। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में तथा औद्योगिक रूप से कुछ उन्नत क्षेत्रों में घनी आबादी है। अर्थात् सामाजिक, आर्थिक एवं भौतिक परिवेश में अंतर के कारण बिहार में जनसंख्या सभी जगह एकसमान नहीं है।
31.मध्य युग में विहार में नगरों के विकास का संक्षिप्त विवरण दीजिए।’
उत्तर – मध्य युग में बिहार में नगरों के विकास पर मुख्य रूप से सड़कों के विकास एवं प्रशासनिक सविधाओं का प्रभाव पड़ा। सड़कों के विकास के कारण सासाराम , दरभंगा , पूर्णिया , छपरा एवं सिवान नगरों का विकास हुआ। अंग्रेजों के समय सड़क और रेलमागों के विकास के कारण भी नगरों का विकास हुआ है।
32.बिहार के दो प्राचीन एवं दो आधुनिक नगरों के नाम लिखिए।
उत्तर – बिहार के दो प्राचीन नगरों में पाटलीपुत्र एवं बोध गया है । जबकि आधुनिक नगरों में बरौनी एवं जमालपुर मुख्य है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर:
1.विहार की कृषि से संबंधित समस्याओं का विस्तृत विवरण दीजिए।
उत्तर-बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है । यहाँ की 80% आबादी कृषि पर निर्भर करती है। परंतु यहाँ का प्रति हेक्टेयर उत्पादन भी काफी कम है। इसका तात्पर्य यह है कि राज्य की कृषि के समक्ष कई समस्याएँ हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं
(i) खेतों का उपविभाजन एवं अपखंडन – तीव्र गति से बढ़ती जा रही जनसंख्या एवं परिवार के कारण बँटवारे को लेकर खेतों का उपविभाजन एवं अपखंडन होता जा रहा है । फलतः खेतों का आकार छोटा होता जा रहा है। इसके कारण इनपर वैज्ञानिक कृषि संभव नहीं हो पा रहा है।
(ii) किसानों का अशिक्षित होना अन्य को अधिकांश किसान अशिक्षित हैं । इस कारण वे न तो असली बीजों का क्रय कर पाते हैं और न ही रासायनिक उर्वरक । परिणामस्वरूप, कड़ी मेहनत के बावजूद उत्पादन कम हो जाता है।
(iii) रूढ़िवादी संस्कृति रूढ़िवादी संस्कृति का बोलबाला होने के कारण चिहार के अधिकतर किसान आज भी हल – बेल और भाग्य भरोसे ही खेती करते हैं । कृषि को नवीन तकनीकों का उपयोग कम होने से यहाँ को कृषि पिछड़ी अवस्था में है।
(iv) बाढ़ एवं सुखाड़ का प्रभाव बिहार में मानसून की प्रकृति काफी विविध रहती है । कभी यहाँ बाद आ जाती है तो कभी यहाँ सूखाद का प्रकोप होता है। यही नहीं, उत्तर बिहार में यदि बाढ़ का प्रकोप प्रभावी होता है तो दक्षिण बिहार में सूखाड़ का प्रकोप होता है। ऐसी स्थिति में खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है।
(v) सिंचाई की समस्या वाढ़ और सूखाग्रस्त क्षेत्र होने के बावजूद राज्य में कृषि के विकास के लिए अभी तक सिंचाई को समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है। मात्र 46 % भाग पर ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। शेष भाग सिंचाई से वंचित है।
(vi) बटाईदारी व्यवस्था राज्य के कई खेत बँटाई पर लगे हुए हैं। किसानों का मालिकाना हक नहीं होने के कारण वे कृषि कार्य में उतना ही मेहनत करना चाहते हैं जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण हो सके। इन मुख्य समस्याओं के अलावा कई अन्य सामाजिक – आर्थिक समस्याएँ भी हैं।
2.विहार में उगाई जानेवाली फसलों के नाम लिखकर किसी एक फसल के उत्पादन को व्याख्या कीजिए।
उत्तर – बिहार जैसे कषि प्रधान राज्य में मौसम को अनकलता को देखते हुए चार प्रकार को फसलें उगाई जाती हैं
(i) भदई जून से सितंबर महीने के दौरान उगाई जाने वाली इस फसल में धान , ज्वार , राजरा, मकई ., जूट एवं सब्जियाँ शामिल हैं।
(ii) अगहनी – जून – अगस्त से शुरू होकर नवंबर – दिसंबर तक उगनेवाली इन फसलों में धान , ज्वार, बाजरा , अरहर , गन्ना प्रमुख हैं।
(iii) रबी – अक्टूबर – नवंबर से लेकर मार्च – अप्रैल तक पैदा की जानेवाली फसलें इसमें शामिला है । इस दौरान गेहूँ, जौ, दलहन, तेलहन का उत्पादन किया जाता है ।
(iv) गरमा – गर्मी के दिनों में अल्पावधि में उगाई जानेवाली फसलें इसमें शामिल हैं। जिसमें धान , खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूज की पैदावार की जाती है । इन फसलों के अंतर्गत धान को खेती महत्वपूर्ण है। बिहार में धान की फसल तीनों कृषि मोसमों में प्राप्त की जाती है। 2006-07 के दौरान धान की खेती लगभग 33.54 लाख हे , पर की गई जिससे कुल उत्पादन लगभग 50 लाख टन कुआ। राज्य के उत्तर – पूर्वी भागों में भदई धान उत्पादन की दृष्टि से पश्चिमी चंपारण, रोहतास एवं औरंगाबाद मुख्य है। इन तीनों जिलों से राज्य के कुल धान उत्पादन का 1896 से अधिक घान प्राप्त होता है। राज्य ने सबसे अधिक लगभग 6 96 क्षेत्रपाल पर रोहतास में धान का क्षेत्रफल है। जबकि उत्पादन में पश्चिमी चंपारण प्रथम स्थान पर है।
3. बिहार की मुख्य नदी घाटी परियोजनाओं का नाम लिखकर किसी एक का वर्णन कीजिए।
उत्तर – जल संसाधन जल से के कारण राज्य उपयोग के लिए कई बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ विकसित की गई हैं। इनमें प्रमुख हैं।
(i) सोन नदी घाटी परियोजना ।
(ii) कोसी नदी घाटी परियोजना ।
(iii) गंडक नदी घाटी परियोजना ।
(iv) दुर्गावती जलाशय परियोजना ।
(v) चंदन बहुआ परियोजना ।
(vi) बागमती परियोजना
(vii) बरनार जलाशय परियोजना |
इन परियोजनाओं में कोसी नदी घाटी परियोजना उल्लेखनीय है । उत्तर बिहार के शोक के नाम से प्रसिद्ध कोसी नदी के जल संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु कोसी नदी घाटी परियोजना की कल्पना 1896 ई. में की गई थी, परंतु इसे वास्तविक रूप 1925ई में मिला । नेपाल सरकार, भारत सरकार तथा बिहार सरकार के सामूहिक प्रयास पर आधारित यह परियोजना है। जिसे बहुउद्देशीय परियोजना का रूप दिया गया है । यह परियोजना कई चरणों में पूरी की गई है । पहले चरण के दौरान बिहार- नेपाल की सीमा पर स्थित हनुमान । नगर स्थान पर बैराज बनाया गया , नदी के दोनों ओर तटबंध का निर्माण किया गया । पूर्वी एवं पक्षिमी कोसी नहरें तथा उनकी शाखाओं का निर्माण किया गया । इसी चरण में नदी के दोनों ओर 240 किमी लंबे बाढ़ – नियंत्रक बांध का निर्माण किया गया । इस नदी के अंतर्गत पूर्वी कोसी नहर एवं इसकी सहायक नहरों द्वारा पूर्णिया , सहरसा , मधेपुरा एवं अररिया जिलों के 14 लाख है- भूमि की सिंचाई की जाती है। पश्चिमी नहर का 35 किमी , हिस्सा नेपाल में पड़ता है। शेष मधुबनी एवं दरभंगा जिलों में पड़ता है। दूसरे चरण के दौरान पूर्वी कोसी नहर पर 20000 किलोवाट क्षमता वाला एक जलविद्युत शक्ति गृह निर्माणाधीन है।
4. बिहार में वन्य जीवों के संरक्षण पर एक निबंध लिखें।
उत्तर – बिहार के कुल क्षेत्रफल के मात्र भूमि पर वन का विस्तार पाया जाता है । यहाँ मुख्य रूप से पतझड़ प्रकार के वन मिलते हैं तथा उसी के अनुरूप वन्य जीव भी पाए जाते हैं। प्राचीन काल के कई ऐसे क्षेत्र आज वनविहीन हो के विनाश के कारण ऐसे क्षेत्रों के जीव भी नष्ट हो चुके हैं। फिर भी आज पर्यावरण संतुलन तथा जैव – विविधता को दृष्टि से विहार में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए 14 अभ्यारण्य एवं एक राष्ट्रीय उद्यान है इसके अंतर्गत 2064.4 हेक्टेयर भूमि है। पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान 980 एकड़ में विकसित राष्ट्रीय उद्यान है । यहाँ जैव – विविघुता को बनाए रखने के लिए कई पशु-पक्षियों को कृत्रिम रूप से उनके निवास योग्य वातावरण तैयार कर संरक्षित रखा गया है। इनमें उभयचर जीव, सरीसृप जीव, मांसाहारी एवं शाकाहारी जीव तथा विभिन्न प्रकार की पक्षियाँ शामिल हैं। पटना के अतिरिक्त बेगुसराय जिला के मझील में स्थित काँवर झील उल्लेखनीय है। यह 2500 एकड़ में फैला क्षेत्र है जो प्रवासी पक्षियों का प्रमुख पड़ाव स्थल है। प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सलीम अली ने इसे पक्षियों का स्वर्ग’ कहा है। इस झील में 300 प्रजातियों के पक्षियों का पड़ाव माना जाता है । इसके अलावा दरभंगा जिला का कुशेश्वर स्थान भी वन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। राज्य में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन, पर्यावरण तथा जल संसाधन विकास विभाग कार्यरत हैं । कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस दिशा में कार्य कर रही है |
5.विहार के खनिजों का वर्गीकरण कर किसी एक वर्ग के खनिज का वितरण एवं उपयोगिता को लिखिए।
उत्तर – बिहार में पाए जानेवाले खनिजों को मुख्य रूप से धात्विक खनिज , अघात्विक खनिज एवं परमाणु खनिज में बाँटा जाता है। इनमें अघात्विक खनिजों का भंडार राज्य में अधिक है । अधात्विक खनिजों के अंतर्गत राज्य में चूना पत्थर , अभ्रक, डोलोमाइट, सिलिका बालू , पाइराइट, क्वार्ट्ज , फेल्सपार , चीनी मिट्टी, स्लेट एवं शोरा प्रमुख है। चूना पत्थर का कुल मंडार बिहार राज्य में लगभग 211 हजार मैट्रिक टन है । कैमूर और रोहतास में मिलने वाले इस चुना – पत्थर का वार्षिक उत्पादन लगभग 250 लाख टन है। इसका मुख्य उपयोग सीमेंट उद्योग में अभ्रक का कुल भंडार 60.35 हजार मैट्रिक टन है जो झारखंड से लगे नवादा , जमुई और बांका जिलों में पाया जाता है। डोलोमाइट का कुल भंडार 180 हजार टन है जो कैमूर और रोहतास में पाया जाता है । सिलिका बालू मुंगेर में प्रमुखता से मिलता हे राज्य में कुल भंडार 5.25 हजार मैट्रिक टन है | पाइराइट के उत्पादन के लिए रोहतास का अमझोर पहाड़ी क्षेत्र तथा केमूर जिला प्रसिद्ध है। बिहार के सबसे महत्वपूर्ण खनिज का भंडार लगभग 99 हजार मैट्रिक टन है। बिहार में कार्ट्ज काकुल भंडार लगभग 11 हजार मैट्रिक टन है जो गया ,नवादा, मुंगेर एवं बांका जिलों में पाया जाता है। चीनी मिट्टी मुख्यत: भागलपुर, मुंगेर एवं बाँका जिलों में तथा शोरा मुजफ्फरपुर, पटना, नालंदा, सारण, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण , जहानाबाद, औरंगाबाद में पाया जाता है । फेल्सपार का कुल भंडार राज्य में लगभग 5000 मैट्रिक टन है जो दक्षिणी जिलों में पाया जाता है।
6. विहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कर किसी एक स्रोत का विस्तृत विवरण दीजिए।
उत्तर – बिहार के ऊर्जा स्रोतों को पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक स्रोतों में बाँटा जा सकता है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के अंतर्गत तापीय एवं जलविद्युत ऊर्जा महत्वपूर्ण है। तापीय ऊर्जा के अंतर्गत राज्य में कहलगाँव , काँटी एवं बरौनी मुख्य उत्पादक केन्द्र हैं । कहलगाँव सुपर धर्मल पावर की उत्पादन क्षमता 840 मेगावाट है । कॉटी थर्मल पावर केन्द्र की उत्पादन क्षमता 120 मेगावाट है। जबकि बरौनी को क्षमता 145 मेगावाट है। इनमें कहलगाँव केन्द्र की स्थापना 1979 तथा बरौनी की स्थापना -1970 में की गई थी। इन तीन मुख्य ताप परियोजनाओं के अतिरिक्त बाढ़ और नवीनगर में प्रस्तावित तापविद्युत परियोजनाएँ हैं। बाढ़ की उत्पादन क्षमता 200 मेगावाट प्रस्तावित है। जबक्ति नवीनगर की प्रस्तावित उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है। जलविद्युत की दृष्टि से राज्य में बिहार राज्य जलविद्युत निगम के अनुसार 2055 मैगावाट उत्पादन का लक्ष्य है, जिसमें डेहरी, पश्चिमी सोन परियोजना , वारुण, औरंगाबाद, पूर्वी सोन लिंक नहर , बाल्मीकीनगर, पक्षिमी चपारण, कटेया परियोजना शामिल है। इनसे मात्र 44 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन हो रहा है। इनके अतिरिक्त कलेर, त्रिवेणी, ओबरा, ताजपुर डेहरी स्थित डेलबाग, नासीरगंज एवं नोखा में जलविद्युत परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं।
7. बिहार में कृषि आधारित किसी एक उद्योग का वर्णन कीजिए।
उत्तर- कृषि प्रधान राज्य होने तथा फसलों की विविधता के कारण विहार में कृषि पर आधारित कई उद्योग विकसित हैं, जिसमें उद्योग, वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग, तंबाकू उद्योग, तेल मिल , आटा, चावल, दाल उद्योग प्रमुख है। इनमें जहां तक चीनी उद्योग का संबंध है या बिहार का एक महत्वपूर्ण उद्योग है बिहार के साथ ही साथ देश की पहली चीनी मिल 1840 ई. डच कंपनी द्वारा बेतिया में स्थापित किया गया था | 20 वीं सदी के मध्य तक देश के चीनी उद्योग में बिहार का महत्वपूर्ण स्थान था परंतु 1960 के बाद राज्य के में हास आने लगा। चीनी उद्योग के विकास के लिए उपलब्ध अनुकूल सुविधाओं के बावजूद राज्य के इस उद्योग का देश में 7 वाँ स्थान है। उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार बिहार में 10 टन गन्ना से एक टन चीनी प्राप्त होता है। 2006-07 में राज्य में चीनी मिलों की कुल संख्या मात्र 09 रह गयी है जबकि कुछ वर्षों पूर्व तक यह 30 के लगभग थी। राज्य में चीनी का कुल उत्पादन 4.5 लाख मैट्रिक टन है। चीनी पूर्वी चंपारण , पक्षिमी चंपारण, सिवान , गोपालगंज , सारण, दरभंगा, मुजफ्फरपुर जिले उल्लेखनीय है । राज्य में चीनी उद्योग को पुनजीर्वित करने के लिए 11 वीं पंचवर्षीय योजना के दोरान ईख उत्पादकता एवं क्षेत्रफल बढ़ाने पर जोर दिया गया है। राज्य सरकार चीनी निगम के बंद पड़े 15 चीनी मिलों को फिर से चलाने पर विचार कर रही है तथा इसका नियंत्रण एवं प्रबंधन निजी क्षेत्र में देना प्रस्तावित है।
8.विहार के वस्त्र उद्योग का विस्तृत विवरण दीजिए।
उत्तर – बिहार में वस्त्र उद्योग के अंतर्गत सती, रेशमी एवं ऊनी वस्त्र शामिल हैं। ये सभी उद्योग वहत या बड़े पैमाने पर विकसित नहीं है। क्योंकि कच्चे माल का राज्य में अभाव सा है। फिर भी सस्ते मजदूरी एवं बाजार की उपलब्धता के कारण बिहार में सूती वस्त्र उद्योग की कई छोटी- छोटी मिलों के लिए डुमराँव, गया , मुंगेर , भागलपुर , मोकामा , ओरमांझी एवं फुलवारीशरीफ प्रसिद्ध है । कच्चे माल के अभाव के कारण इन मिलों में सूत कानपुर एवं अहमदाबाद से आता है। रेशमी वस्त्र उद्योग के लिए भागलपुर देशभर में जाना जाता है । इसके अतिरिक्त मुजफ्फरपुर , गया एवं दरभंगा में भी इसकी मिलें हैं । हस्तकरघा एवं रेशमी वस्त्र निदेशालय द्वारा भभुआ में बनारसी साड़ी तथा नालंदा एवं नवादा में रेशमी वस्त्र उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है । स्थानीय भेड़ों से प्राप्त ऊन के आधार पर ऊनी वस्त्र उद्योग के अंतर्गत कंबल का निर्माण मुंगेर, मुजफ्फरपुर एवं पटना जिलों में तथा कंबल और कालीन ओबरा और दाउदनगर में तैयार किए जाते हैं जिसकी माँग पूरे देश में है। इसके अतिरिक्त राज्य में हस्तकरघा उद्योग पटना, भागलपुर, बाँका , दरभंगा , अरवल , जहानाबाद, औरंगाबाद , भभुआ, नवादा , नालंदा , सिवान , मधुबनी एवं खगड़िया में हैं । यहाँ 1089 प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियाँ हैं।
9.बिहार के सड़क मार्ग का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर- बिहार एक ऐसा राज्य है जहाँ परिवहन के सभी साधनों या मार्गों का विकास मिलता है। सड़क मार्ग, रेलमार्ग,वायुमार्ग, जलमार्ग एवं पाइपलाइन मार्ग सभी यहाँ हैं। जहाँ तक सडकमार्ग के संबंध में यहाँ देश की सबसे प्राचीन सड़क का विस्तार मिलता है। अशोक और शेरशाह द्वारा भी बनाई गई सड़कें बिहार में हैं। स्वतंत्रता के समय राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 2104 किमी०थी जो वर्तमान में लगभग 82000 किमी है । प्रशासनिक दृष्टि से राज्य में पाँच प्रकार की सड़कें पाई जाती हैं जिन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला सड़कें, अन्य जिला सड़कें एवं ग्रामीण सड़कें कहा जाता है। कुत सड़क मार्ग का सबसे अधिक लगभग 78% हिस्सा ग्रामीण सड़कों का है। इन सड़कों का रख – रखाव एवं निर्माण कार्य ग्राम पंचायत या प्रखंड विकास कार्यालय करता है। जिला सड़कों की कुत तंबाई लगभग 13 % है । 9845 किमी लंबी जिला सड़क पक्की है। ये सड़क जिला के मुख्य नगरों एवं अनुमंडत एवं प्रखंड मुख्यालयों को जोड़ती है। अन्य जिला सड़कों का कुछ हिस्सा कच्ची सड़कों के रूप में है । इन सड़कों का निर्माण एवं देख – रेख सार्वजनिक निर्माण विभाग करता है। जिला मुख्यालय को आपस में जोड़ना है। बिहार में राज्य राजमार्ग की कुत लंबाई 3849 किमी ० के लगभग है। इन सड़कों का काम कुल लंबाई लगभग 37 लाख किमी से ऊपर है जो राज्य की कुल सड़क लम्बाई का लगभग 5% है । इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -2,28,84,80,82,31,7,28,57 उल्लेखनीय हैं । ये सभी सड़क पक्की सड़क हैं तथा राज्य को अन्य राज्यों एवं जोड़ता है|
10.बिहार के रेलमार्ग का विस्तृत विवरण दीजिए । इन सड़कों का निर्माण एवं रख- रखाव केन्द्र सरकार करती है।
उत्तर – बिहार में रेलमार्ग का विकास 1866 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा माना जाता है । जिसके द्वारा गंगा नदी किनारे कोलकाता तक पहली रेल लाइन बिछाई गई। यह रेलमार्ग सुरक्षा और प्रशासनिक उद्देश्य से लगाया गया था। इसके बाद उत्तर बिहार में पूरब – पश्चिम रेलमार्ग के निर्माण के साथ ही विहार में रेलमार्ग का विकास होने लगा। ब्रिटिश काल में 19वीं सदी के अंत तक बिहार के कई स्थान कोलकाता से जुड़ चुके थे। 20 वीं सदी के मध्य तक उत्तर बिहार में मीटर गेज के द्वारा कई शहरों को जोड़ गया । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद गंगा नदी पर मोकामा के निकट राजेन्द्र पुल का निर्माण 1975 में किया गया। जिससे उत्तरी और दक्षिणी बिहार के बीच रेत संपर्क बन गया। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2001 तक राज्य में रेल लाइन की कुल लंबाई 6283 किमी थी। साथ ही 2002 में पूर्व – मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय हाजीपुर में स्थापित किया गया। बिहार से होकर जानेवाली रेल लाइनों में हावड़ा – मुगलसराय वाया गया एवं पटना, दिल्ली – गुवाहाटी वाया पटना, दित्ती – गोरखपुर – कटिहार गुवाहाटी वाया हाजीपुर मुख्य हैं। इनमें हावड़ा – मुगलसराय रेलमार्ग पूर्णतः विद्युतीकृत है। बख्तियारपुर होकर राजगीर, फतुहा – इस्लामपुर, आरा – सासाराम, पटना – गया, बाँका – भागलपुर रेत ताईन पर गाड़ियों का प्रचालन जारी है। बिहार से होकर कई लंबी दूरी की एक्सप्रेस, जन शताब्दी एवं राजधानी, गरीब रथ जैसी गाड़ियाँ चलाई जा रही हैं। इसके अलावा राज्य के भीतरी भागों में भी कई सवारी, एक्सप्रेस, इंटरसिटी गाड़ियाँ चलाई जा रही हैं । जबकि दैनिक यात्रियों के आवागमन के लिए डी.एम.यू. ई.एम.यू. मेमू तथा सवारी गाड़ियाँ चलाई जा रही वर्तमान समय में गंगा नदी पर दो और जगहों पर आरा – छपरा एवं बख्तियारपुर – शाहपुर पटोरी रेलमार्ग प्रस्तावित हैं।
11.बिहार की जनसंख्या घनत्व का विस्तृत विवरण दीजिए।
उत्तर -2001 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या करोड़ 29 लाख 98 हजार 509 है, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 8.07% है। आंकड़ों के अनुसार राज्य का जनघनत्व 881 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। राज्य के अंदर इस घनत्व में काफी भित्रताएं मिलती हैं। पटना में सर्वाधिक घनत्व 1471 व्यक्ति प्रति वर्ग वर्ग किमी है घनत्व की असमानता के आधार पर राज्य को पाँच वर्गों में बाँटा जा सकता है
(i) अति निम्न घनत्व वाले क्षेत्र – इसके अंतर्गत पश्चिमी चंपारण,बाँका, जमुई और कैमूर जिते आते हैं । यहाँ का जन घनत्व 600 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से कम है।
(ii) निम्म्र घनत्व वाले क्षेत्र -600-800 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० जनघनत्व वाले क्षेत्रों में पूर्णिया, कटिहार, अररिया, नवादा, शेखपुरा , सुपौल, गया, किशनगंज, तक्खीसराय, रोहतास एवं औरंगाबाद जिले शामित
(iii) मध्यम घनत्व वाले क्षेत्र – 800-1000 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० जनघनत्व वाले ऐसे क्षेत्रों में पूर्वी चंपारण, भागलपुर , जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, सहरसा ,खगड़िया, मधेपुरा, बक्सर एवं मुंगेर जिले शामिल हैं।
(iv) उच्च घनत्व वाले क्षेत्र ऐसे क्षेत्र में जनघनत्व 1000-1200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी ० पाया जाता है, जिसमें मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज, मधुबनी एवं नालंदा जिले शामिल हैं।
(v) अति उच्च घनत्व वाले क्षेत्र – इनमें पटना, दरभंगा, वैशाली , बेगूसराय, सीतामढ़ी एवं सारण जिले शामिल हैं जहाँ जनघनत्व 1200 व्यक्ति प्रति वर्ग किसी से अधिक है। जनघनत्व संबंधी आँकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य की अधिकांश आबादी 600-1000 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी ० जनघनत्व के दायरे में हैं परंतु इनमें भी कुछ आंतरिक विषमताएँ पाई जाती हैं।
12.बिहार में नगर विकास पर एक विश्लेषणात्मक निबंध प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – बिहार में नगर विकास का इतिहास काफी पुराना है। गंगा नदी की उपस्थिति तथा शैक्षिक एवं धार्मिक तथा व्यापारिक महत्व का क्षेत्र होने के कारण यहाँ नगरों के विकास में इन कारकों का भी योगदान रहा है। प्राचीन काल में पाटलीपुत्र, नालंदा , राजगीर, गया, वैशाली, बोध गया, उदवंतपुरी, सीतामढ़ी तथा विक्रमाशिला इत्यादि का विकास इसी तरह धार्मिक, शैक्षिक एवं व्यापारिक केन्द्र के साथ ही साथ तटीय नगर के रूप में भी हुआ। मध्य काल के दौरान राज्य में नगरों के विकास में सड़कों का विकास एवं प्रशासनिक सुविधा महत्वपूर्ण रहीं। फलतः इस दौरान सासाराम, दरभंगा, पूर्णिया, छपरा एवं सीवान जैसे नगरों का विकास हुआ। मध्य काल में अंगरेजों के शासन काल के दौरान रेल एवं सड़क मार्गों के विकास के कारण कई शहरों का विकास हुआ। आधुनिक काल में और विशेषकर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राज्य में औद्योगिक विकास, शिक्षा का विकास एवं मौतिक सुविधाओं के विकास के कारण बरौनी, हाजीपुर, दानापुर, डालमियानगर, मुंगेर, जमालपुर, कटिहार जैसे शहरों का विकास हुआ। वर्तमान समय में कई छोटे शहर बड़े शहरों में कम तथा बड़े शहर नगर के रूप में परिवर्तित होते जा रहे हैं और निकट भविष्य में इनकी स्थिति अवश्य बदलेगी । ऐसे शहरों में आरा , बाढ़, मुजफ्फरपुर , बेतिया, मधेपुरा शामिल हैं।