वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं
(क) भोजन और वस्त्र (ख) मकान (ग) शिक्षा (घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(घ)
2.निम्न में से कौन मानवीय पूँजी नहीं है?
(क) स्वास्थ्य (ख) प्रशिक्षण (ग) अकुशलता (घ) प्रबंधन
उत्तर-(ग)
3.प्रो. अमर्त्य सेन ने प्राथमिक शिक्षा को मानव के लिए क्या बनाने पर जोर दिया है?
(क) मूल अधिकार (ग) नीति-निर्देशक तत्त्व (ख) मूल कर्त्तव्य (घ) अनावश्यक
उत्तर-(ग)
4.जनगणना 2001 के अनुसार भारत की साक्षरता दर है
(क) 75.9 प्रतिशत (ख) 65.4 प्रतिशत (ग) 54.2 प्रतिशत (घ) 64.5 प्रतिशत
उत्तर-(ख)
5.जनगणना 2001 के अनुसार मानव की औसत आयु निम्न में से क्या है?
(क) 65.4 वर्ष (ख) 60.3 वर्ष (ग) 54.2 वर्ष (घ) 55.9 वर्ष
उत्तर-(क)
6. बिहार राज्य में किस जिले की जनसंख्या सबसे अधिक है?
(क) पटना (ख) पूर्वी चम्पारण (ग) मुजफ्फरपुर (घ) मधुबनी
उत्तर-(क)
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
1.मानव पूँजी निर्माण में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ………..होती है।
2…………संसाधन उत्पादन का सक्रिय साधन है।
3. मानवीय साधन के विकास के लिए…….. अनिवार्य है।
4. 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या…….. करोड़ है।
5. 2001 की जनगणना के अनुसार सबसे कम साक्षरता वाला राज्य है।
6.बिहार में 2001 के जनगणना के अनुसार साक्षरता दर ….. है।
उत्तर-(1) वृद्धि, (2) मानव, (3) शिक्षा, (4) 102.70, (5) बिहार, (6)47%
एक वाक्य में उत्तर दें:
प्रश्न 1. मानव संसाधन क्या है?
उत्तर-जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यता एवं कौशल प्राप्त कर लेते हैं तो उसे मानव संसाधन कहा जाता है।
प्रश्न 2. हमें मानव संसाधन में निवेश की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर-जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है वह प्रशिक्षण दक्षता एव कौशल प्राप्त करता है इसलिए मानव संसाधन में निवेश की आवश्यकता पड़ती है।
प्रश्न 3. साक्षरता व शिक्षा में क्या अंतर है?
उत्तर-जब कोई व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ-साथ उस भाषा को लिखना-पढ़ना भी जानता हो तो उस स्थिति में व्यक्ति को साक्षर तथा उस स्थिति को साक्षरता कहते हैं। पर शिक्षा वह माध्यम जिससे व्यक्ति मानव संसाधन के रूप में समृद्धि पाता है।
प्रश्न 4. भौतिक व मानव पूँजी में दो अंतर बताएँ।
उत्तर-भौतिक पूँजी उत्पादन का एक निष्क्रिय साधन है जबकि मानवीय पूंजी सक्रिय साधन है। भौतिक पूँजी मूर्त होती है जबकि मानवीय पूँजी अमूर्त होती है।
प्रश्न 5. विश्व जनसंख्या की दृष्टि से भारत का क्या स्थान है?
उत्तर-विश्व जनसंख्या की दृष्टि से भारत का द्वितीय स्थान है।
प्रश्न 6. जन्म दर क्या है?
उत्तर-जन्म दर से तात्पर्य प्रति एक हजार जनसंख्या पर जन्म लेनेवाले व्यक्तियों की संख्या है।
प्रश्न 7. मृत्यु दर क्या है?
उत्तर-मृत्यु दर से तात्पर्य प्रति एक हजार जनसंख्या में मृतकों की संख्या है।
प्रश्न 8. एक साक्षर व्यक्ति कौन है?
उत्तर-जो व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ-साथ उस भाषा को लिखना-पढ़ना भी जानता हो, साक्षर व्यक्ति कहलाता है।
प्रश्न 9. प्रारम्भिक (प्राथमिक) शिक्षा क्या है?
उत्तर-0-6 वर्ष तक के बच्चों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा प्राथमिक शिक्षा है।
प्रश्न 10. पेशेवर शिक्षा क्या है?
उत्तर-वैसी शिक्षा जिससे हम किसी व्यवसाय या पेशा से लाभ कमाने के उद्देश्य से प्राप्त करते हैं तो इसे पेशेवर शिक्षा कहते हैं।
संक्षिप्त रूप को पूरा रूप दें:
1. GDP
उत्तर-Gross Domestic Protection (सकल घरेलू उत्पाद)
2.UGC
उत्तर-University Grants Commission (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)
3.NCERT
उत्तर-National Council of Educational Research Training (राष्ट्रीय शैखिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद)
4.SCERT
उत्तर-State Council of Educational Research and Training (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद)
5.ICMR
उत्तर-Indian Council of Medical Research (भारतीय अभयुर्ति ज्ञान अनुसंधान परिषद)।
लघु उत्तरीय प्रश्न (उत्तर 20 शब्दों में दें)
प्रश्न 1. मानव तथा मानव संसाधन को परिभाषित करें।
उत्तर-मानव एक सजीव प्राणी है जिसकी न्यूनतम आवश्यकता रोटी, कपड़ा, मकान स्वास्थ्य एवं शिक्षा है। पर जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यताएँ एवं कौशल प्राप्त कर लेता है तो उसे मानव संसाधन कहा जाता
प्रश्न 2. मानव संसाधन उत्पादन को कैसे बढ़ाता है?
उत्तर-चूँकि मानव संसाधन प्रशिक्षित, कुशल तथा विशेषज्ञ होते हैं इसलिए ये उत्पादन की उत्पादकता को बढ़ाने देते हैं।
प्रश्न 3. किसी देश में मानव पूँजी के दो प्रमुख स्रोत क्या है?
उत्तर-किसी देश में मानव पूंजी के दो प्रमुख स्रोत भोजन तथा स्वास्थ्य हैं।
प्रश्न 4. किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाना क्यों जरूरी है?
उत्तर-किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण देने से उसमें कुशलता आती है जिससे उत्पादन बढ़ता है। इसलिए मानव संसाधन के रूप में उनका उपयोग आवश्यक रूप से होता है।
प्रश्न 5. भारत में जनसंख्या के आकार को एक बार चार्ट (ग्राफ) द्वारा स्पष्ट करें;
उत्तर
छत्तीसगढ़ 2.0396 %
हरियाणा 2.0596 %
जम्मू व कश्मीर 0.9896 %
दिल्ली 1.3496 %
उत्तरांचल 0.8396 %
हिमाचल प्रदेश 0.5996 %
पंजाब 2.3796 %
असम 2.5996 %
अन्य राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश 1.5996 %
उत्तर प्रदेश 16.179 %
महाराष्ट्र 9.4296 %
झारखंड 2.62%
बिहार 8.0796 %
पश्चिमबंगाल 7.1896 %
केरल 3.1096 %
उड़ीसा 3.5796 %
गुजरात 49396 %
कर्नाटक 5.1496 %
राजस्थान 5.50%
मध्यप्रदेश 5.8896 %
तमिलनाडु 6.059 %
आंध्र प्रदेश 7.3796 %
कुल जनसंख्या 10270152471 देश की कुल जनसंख्या में राज्यों की भागीदारी
प्रश्न 6. बिहार के सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि वाले 5 जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-बिहार के सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि वाले 5 जिलों के नाम निम्नलिखित हैं
(i) पटना 63.8296, (ii) रोहतास 62.3696, (iii) मुंगेर 60.1196, (iv) भोजपुर 59.7196, (v) औरंगाबाद 57.50961
प्रश्न 7. बिहार के सबसे कम जनसंख्या वाले 5 जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-बिहार के सबसे कम जनसंख्या वाले पाँच जिलों के नाम निम्नलिखित हैं
(1) किशनगंज 31.0296, (ii) अररिया 34.9496, (i) कटिहार 35.2996, (iv) पूर्णिया 35.5196, (v) मधेपुरा 36.19961
प्रश्न 8. बिहार देश का सबसे कम साक्षर राज्य है। इसके मुख्य दो कारण लिखें।
उत्तर-बिहार देश का सबसे कम साक्षर राज्य है इसके मुख्य दो कारण गरीबी तथा प्राकृतिक संसाधनों का अभाव है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(उत्तर 100 शब्दों में दें)
प्रश्न 1. मानव संसाधन क्या है? मानव संसाधन को मानव के रूप में कैसे परिवर्तित किया जाता है?
उत्तर-मानव संसाधन का अर्थ है देश की कार्यशील, जनसंख्या का कौशल और योग्यताएँ। जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादक के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यताएँ एवं कौशल प्राप्त कर लेते हैं तो वे एक संसाधन बन जाते हैं। अर्थात् जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा,स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है तो वह राष्ट्र की संपत्ति बन जाता है। ऐसी स्थितिमें वह संसाधन के रूप में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रकार प्रशिक्षित, कुशल, ज्ञानी एवं विशिष्टता प्राप्त व्यक्ति की उत्पादकता अधिक होती है जो मानव संसाधन से मानव पूंजी में परिवर्तित हो जाते हैं। इसके लिए मानव में भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रबंधन, सूचना-तकनीक आदि का सहारा लेना पड़ता है।
प्रश्न 2. मानव पूंजी और भौतिक पूँजी में क्या अंतर है? इसे तालिका द्वारा स्पष्ट करें। क्या मानव पूंजी भौतिक पूँजी से श्रेष्ठ है?
उत्तर-
मानव पूंजी | भौतिक पूँजी |
(i) भौतिक पूँजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन (passive Resource) है। |
(i)मानविय पूंजी उत्पादन का सक्रिय साधन(active resource) है। |
(ii) भौतिक पूँजी मूर्त (tangible) होती है जिसे बाजार में लाया जा सकता जिसे बाजार में बेचा नहीं जा सकता। | (ii) मानवीय पूँजी अमूर्त (intangible) होती है| केवल मानवीय पूँजी की सेवाओं (services) को खरीदा या बेचा जा सकता है। |
(iii) भौतिक पूँजी को इसके स्वामी (owner) से अलग किया जा सकता है। |
(iii) मानवीय पूंजी(owner) से अलग किया जा सकता नहीं किया जा सकता। |
(iv) भौतिक पूँजी देश के अंदर पूर्णतःगतिशील (perfectly mobile) होती है |
(iv) मानवीय पूँजी पूर्णतः गतिशील नहीं (not perfectly mobile) होती। यह राष्ट्रीयता (nationality) तथा संस्कृति से बाधित होती है। |
(v) भौतिक पूँजी में समय के साथ लगातार प्रयोग होने के कारण इसमें ह्रास (depreciation) होता है। |
(v) मानवीय पूँजी में उम्र बढ़ने के साथ हममे हास हो सकता है लेकिन शिक्षा तथा स्वास्थ्य में निवेश से इसकी क्षतिपूर्ति संभव है। |
(vi) भौतिक पूँजी से इसके स्वामी को निजी लाभ (private benefit) होता है। |
(vi) मानवीय पूँजी से इसके स्वामी को निजी लाभ (private benefit) होता है तथा |
यही समाज को सामाजिक लाभ भी होता है। इस प्रकार मानव पूँजी तथा भौतिक पूँजी में मूलभूत अंतर है। हाँ, मानव पूँजी भौतिक पूँजी से सर्वश्रेष्ठ है।
प्रश्न 3. भारत में मानवीय पूँजी निर्माण के विकास का परिचय दें।
उत्तर-भारत की विकास योजनाओं का अंतिम उद्देश्य मानवीय पूँजी निर्माण अथवा मानवीय साधनों का विकास करना है ताकि दीर्घकाल में आर्थिक सुधारों को सफल बनाया जा सके। देश में गत कुछ वर्षों में मानवीय साधनों के विकास में सराहनीय सफलता मिली है, जिसका पता जनसंख्या संबंधी बेहतर सूचकों, साक्षरता एवं शिक्षा के स्तर, स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर आदि से चलता है। वास्तव में जीने की औसत आयु, साक्षरता दर, जन्म तथा मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर आदि मानवीय विकास के सूचक हैं। मानवीय विकास के इन सूचकों के आधार पर हम कह सकते हैं की भारत में मानवीय साधनों के विकास में प्रगति हुई है। भारत में योजनाकाल में जीने की औसत आयु में वृद्धि हुई है। साक्षरता की दर भी बढ़ी है जन्म दर, मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है एवं 1993-94 के थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर भी प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। इस प्रकार आँकड़े इस बात के सूचक हैं कि देश में मानवीय पूँजी निर्माण के विकास में सराहनीय प्रगति हुई है।
प्रक्ष 4. मानवीय साधनों के विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास की भूमिका की विवेचना करें।
उत्तर-मानवीय साधनों के विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास की निम्नलिखित भूमिका होती हैशिक्षा-शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति मानव पूँजी के रूप में समृद्धि पाता है। इसलिए व्यक्ति अपने विकास और देश के विकास को बढ़ाने के लिए शिक्षा पर व्यय करता है। इस प्रकार शिक्षा मानवीय पूँजी की क्षमता को बढ़ाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सफल हो पाता है। स्वास्थ्य-स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है अर्थात् मनुष्य का अच्छा स्वास्थ्य ही उसकी सबसे महत्वपूर्ण पूँजी है और इसमें खर्च कर बढ़ोत्तरी करना मानव का एक महत्त्वपूर्ण संसाधन के रूप में परिवर्तित कर देता है। एक स्वस्थ व्यक्ति अन्य सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा निक्षित रूप से अच्छा काम करता है और देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्ततः स्वास्थ्य पर व्यय मानव पूँजी का निर्माण या संसाधनों के विकास का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। आवास-मनुष्य की एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता आवास अर्थात् घर है जिसमें वह अपने को बदलते मौसम में सुरक्षित रख पाता है तथा अपने कार्यों को अंजाम देता है। इस प्रकार मानवीय संसाधनों के विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
प्रश्न 5. भारत की राष्ट्रीय जनसंख्या नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-विकास क्रिया को बनाये रखने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। इस उद्देश्य से 15 फरवरी, 2000 को भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की गई। इस नीति में समान वितरण के साथ दीर्घकालीन विकास के लिए जनसंख्या स्थिरीकरण को मौलिक आवश्यकता माना गया है। इस नीति के अंतर्गत तत्कालीन, मध्यकालीन तथा दीर्घकालीन उद्देश्य है। तत्कालीन उद्देश्य के तहत गर्भनिरोधक की आपूर्ति, तत्कालीन जरूरतों को पूरा करना, स्वास्थ्य सेवकों तथा समन्वित वितरण प्रणाली की व्यवस्था करना मुख्य उद्देश्य है। मध्यकालीन उद्देश्य के अंतर्गत कुल प्रजनन दर को 2010 तक प्रतिस्थापन स्तर पर लाना हे तथा दीर्घकालीन उद्देश्य 2045 तक जनसंख्या को उस स्तर पर स्थिर बनाना है जो दीर्घकालीन विकास की जरूरतों, सामाजिक विकास तथा पर्यावरण सुरक्षा के अनुरूप माना गया है। इस प्रकार इस नीति के द्वारा सरकार 2045 तक जनसंख्या को स्थिर कर देने की आशा करती है।