प्रश्न 1. लोकतंत्र के बारे में इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(क) लोकतंत्र में लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
(ख) लोकतंत्र में लोगों को संगठन बनाने का अधिकार होता है।
(ग) लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी नहीं होती है।
(घ) लोकतंत्र में चुने हुए नेताओं को ही देश पर शासन का अधिकार होता है।
उत्तर-(ग) लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी नहीं होती है।
प्रश्र 2. इनमें से किससे लोकतंत्र के विस्तार में मदद मिलती है?
(क) विदेशी लोकतांत्रिक शासन का आक्रमण ।
(ख) सैनिक तख्ता-पलट ।
(ग) प्रेस पर प्रतिबंध।
(घ) लोगों का संघर्ष ।
उत्तर-(घ) लोगों का संघर्ष।
प्रश्न 3. इनमें से कौन-सा कथन सही है?
(क) प्राचीन भारत में लोकतंत्र के प्रमाण नहीं मिलते हैं?
(ख) ब्रिटेन में 1688 ई. की गौरवपूर्ण क्रांति के बाद लोकतंत्र कमजोर हुआ।
(ग) फ्रांस में 1784 ई. की क्रांति ने लोकतांत्रिक शासन कि नींव डाली।
(घ) पाकिस्तान एवं नेपाल में लोकतांत्रिक शासन को कभी चुनौती नहीं दी।
उत्तर-(ग) फ्रांस में 1784 ई. की क्रांति ने लोकतांत्रिक शासन की नींव डाली।
प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्यांशों में से किसी एक का चुनाव करके इस वाक्य को पूरा कीजिए। (अंतराष्ट्रीय संगठनों में लोकतंत्र की जरूरत है ताकि….)
(क) अमीर देशों की बातों का ज्यादा वजन हो ।
(ख) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो ।
(ग) विभिन्न देशों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सम्मान मिलें।
(घ) विभिन्न देशों का महत्त्व उनकी सैन्य शक्ति के अनुपात में हो।
उत्तर-(ख) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो ।
प्रश्न 5. स्तम्भ ‘अ’ एवं स्तम्भ ‘ब’ को सुमेलित कीजिए।
स्तम्भ ‘अ’ |
स्तम्भ ‘ब’ |
1. सैनिक तानाशाही की समाप्ति |
ख) नेपाल। |
2. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी |
(ग) पाकिस्तान। |
3. प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक शासनवाला गणराज्य |
(घ) घाना |
राजा ने अपने अधिकार छोड़ने पर सहमति दी। |
(क) लिच्छवी। |
उत्तर
(क) लिच्छवी। 3. प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक शासनवाला गणराज्य ।
(ख) नेपाल। 4. राजा ने अपने अधिकार छोड़ने पर सहमति दी।
(ग) पाकिस्तान। 1. सैनिक तानाशाही की समाप्ति ।
(घ) घाना। 2. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी।
प्रश्र6.गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोगों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पडता है ? इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के आधार पर इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-गैर लोकतांत्रिक शासन वाले देशों में लोगों को सरकार के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने, संगठन बनाने, विरोध करने तथा राजनीतिक गतिविधियाँ में माँग लेने की स्वतंत्रता नहीं होती है जिससे वहां की सरकार अपने मनमाने ढंग से सभी कार्यों को संचालित करती है जिससे जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । यहाँ तक कि कभी-कभी उसका जीना भी खतरे में पड़ जाता है तथा वहाँ के जनता की भी आर्थिक स्थिति में तेजी से गिरावट आती है और धन का संग्रह कुछ लोगों के हाथों में केन्द्रित हो जाती है।
प्रश्न 7. एशिया के पाँच गैर लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखिए।
उत्तर- एशिया के पाँच गैर लोकतांत्रिक देश निम्नलिखित है
- चीन
- कुबैत
- सउदी अरब
- संयुक्त अरब अमीरात
- बहरीन ।
प्रश्न 8. जब सेना लोकतांत्रिक शासकों को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन-कौन सी स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती हैं?
उत्तर-जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्र तथा विद्रोह या विरोध व्यक्त करने एवं राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की वास्तविक स्वतंत्रता को जनता से छीन ली जाती है।
प्रश्न 9. इस अध्याय के अध्ययन के आधार पर लोकतंत्र की समान विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। उत्तर- लोकतंत्र की समान विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
उत्तर
- इसमें लोगों को अपनी मर्जी से सरकार चुनने की स्वतत्रंता रहती है।
- इसमें सिर्फ जनता द्वारा चुने हुए नेताओं को ही देश पर शासन करने का अधिकार होता है।
- इसमें लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
- इसमें लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी होती है।
- इसमें लोगों को संघ, संगठन बनाने का अधिकार होता है। इस प्रकार, लोकतंत्र में जनता के द्वारा सरकार का गठन उसके हित को ध्यान में रखकर किया जाता है।
प्रश्न 10. अपनी कक्षा में अलग-अलग समूह बना लें और नेपाल तथा पाकिस्तान में लोकतंत्र के लिए हो रहे संघर्ष से संबंधित अलग-अलग तरह की सूचनाएं इकट्ठी करें।
- -इन देशों की पूर्व सरकार किस आधार पर गैर लोकतांत्रिक थी।
- -नेपाल तथा पाकिस्तान के लोगों की मुख्य शिकायत और माँगें क्या है ?
- -लोगों की इन मांगों पर पूर्व शासकों की क्या प्रतिक्रिया थी?
- -इन दो देशों में लोकतांत्रिक सरकार हेतु संघर्ष के मुख्य नेता कौन हैं?
उत्तर: नेपाल तथा पाकिस्तान की स्थिति क्रमशः इस प्रकार है।
नेपाल में शासन व्यवस्था का स्वरूप राजशाही था पर पाकिस्तान में इसकी शुरूआत संप्रदाय के आधार पर हुई जिससे वहाँ लोकतंत्र को अत्यल्प समय में सैनिक शासकों ने उखाड़ फेंका। नेपाल तथा पाकिस्तान की लोगों की मुख्य शिकायत भूखमरी, बेरोजगारी, अंधविश्वास तथा संप्रदायवादी तथा बढ़ते आतंकवाद की घटना से जूझ रहे वहाँ की अवाम है । इसके साथ ही साथ अशिक्षा, भ्रष्टाचार तथा नौकरशाही इन दोनों में जनता को इससे छुटकारा पाना मुख्य माँग है जनता की मांगों को इन दोनों देशों की सरकार तथा सैनिक शासकों ने कभी सच्चे तौर पर नहीं लिया क्योंकि इससे उनकी स्थिति हानिप्रद हो सकती थी। इसके लिए उन्होंने दमन तथा आतंक का सहारा लिया जिसकी परिणति लोगों के संघर्ष के रूप में सामने आया। इन दोनों देशों में लोकतांत्रिक सरकार हेतु संघर्ष के मुख्य नेता नेपाल में कमलदहल ‘प्रचंड’ है तथा पाकिस्तान में नवाजशरीफ है।